‘लैंडस्केप फायर’ से होने वाले वायु प्रदूषण के कारण दुनियाभर में हर साल लगभग 90 प्रतिशत लोगों की मौत होती है: अध्ययन

‘लैंडस्केप फायर’ से होने वाले वायु प्रदूषण के कारण दुनियाभर में हर साल लगभग 90 प्रतिशत लोगों की मौत होती है: अध्ययन

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  • Publish Date - November 28, 2024 / 04:10 PM IST,
    Updated On - November 28, 2024 / 04:10 PM IST

नयी दिल्ली, 28 नवंबर (भाषा) ‘लैंडस्केप फायर’ से होने वाले वायु प्रदूषण के कारण दुनियाभर में हर साल 90 प्रतिशत से अधिक लोगों की मौत निम्न और मध्यम आय वर्ग वाले देशों में होती है। ‘द लैंसेट जर्नल’ में प्रकाशित एक अध्ययन में यह जानकारी दी गई है।

‘लैंडस्केप फायर’ का मतलब जंगल, घास के मैदान और अन्य प्रकार के खुले क्षेत्रों में लगने वाली आग से है। ‘लैंडस्केप फायर’ मानवीय गतिविधियों के कारण भी लग सकती है।

‘लैंडस्केप फायर’ और जंगलों में आग लगने के कारण होने वाली बीमारियों से चीन, इंडोनेशिया तथा उप-सहारा अफ्रीका के देश भी सबसे ज्यादा प्रभावित हैं।

‘लैंडस्केप फायर’ से होने वाले वायु प्रदूषण के कारण हृदय और सांस लेने से संबंधित बीमारियां होती हैं और यही ज्यादातर मौतों का कारण बनता है।

अध्ययन में कहा गया है कि हर साल हृदय संबंधी बीमारियों के कारण लगभग साढ़े चार लाख मौत होती हैं तथा लगभग दो लाख 20 हजार मौतें श्वसन संबंधी रोगों के कारण होती है।

अध्ययनकर्ताओं ने जलवायु में तेजी से होने वाले बदलाव के कारण ‘लैंडस्केप फायर’ लगने और फिर इससे होने वाले वायु प्रदूषण के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभावों को कम करने के लिए तत्काल कार्रवाई करने का आह्वान किया है।

उन्होंने अधिक कमजोर विकासशील देशों की सहायता के लिए उच्च आय वर्ग वाले देशों से वित्तीय और तकनीकी सहायता प्रदान करके मृत्यु दर में सामाजिक-आर्थिक असमानताओं को दूर करने पर भी जोर दिया।

भाषा प्रीति देवेंद्र

देवेंद्र