वायु प्रदूषण वर्षा को अधिक अम्लीय बना सकता है: आईएमडी, आईआईटीएम का अध्ययन

वायु प्रदूषण वर्षा को अधिक अम्लीय बना सकता है: आईएमडी, आईआईटीएम का अध्ययन

वायु प्रदूषण वर्षा को अधिक अम्लीय बना सकता है: आईएमडी, आईआईटीएम का अध्ययन
Modified Date: April 12, 2025 / 07:28 pm IST
Published Date: April 12, 2025 7:28 pm IST

नयी दिल्ली, 12 अप्रैल (भाषा) एक अध्ययन से पता चला है कि विशाखापत्तनम, इलाहाबाद, मोहनबाड़ी (असम) जैसे शहरों में वायु प्रदूषण बारिश को अधिक अम्लीय बना सकता है, जबकि राजस्थान स्थित थार की धूल जोधपुर, पुणे और श्रीनगर में बारिश को अधिक क्षारीय बना सकती है।

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) और भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान (आईआईटीएम) पुणे द्वारा किए गए अध्ययन में भारत के दस शहरों की बारिश के पीएच (पोटेंशियल ऑफ हाइड्रोजन) मान का विश्लेषण किया गया जो अम्लता या क्षारीयता को प्रदर्शित करता है।

वैश्विक वातावरण निगरानी (जीएडब्ल्यू) स्टेशन पर 1987 से 2021 तक दर्ज आंकड़ों का विश्लेषण किया गया।

 ⁠

निष्कर्षों को आईएमडी द्वारा ‘मेट मोनोग्राफ’ के रूप में प्रकाशित किया गया है जो मौसम संबंधी विषय का एक व्यापक विश्लेषण है।

अध्ययन से पता चलता है कि वायुमंडलीय परिस्थितियां और स्थानीय उत्सर्जन वर्षा के पीएच को प्रभावित कर सकते हैं।

अम्लीय और क्षारीय दोनों प्रकार की वर्षा के घातक प्रभाव हो सकते हैं जो जलीय खेती और पेड़-पौधों के जीवन को प्रभावित कर रहा है। हालांकि अध्ययन के शोधकर्ताओं ने कहा कि ‘‘अम्लीय बारिश वर्तमान में हमारे क्षेत्र के लिए एक बड़ा और तत्कालिक खतरा नहीं है।’’

उन्होंने विशाखापत्तनम में बारिश में अम्लता के लिए तेल शोधन कारखाना, बिजली संयंत्र और उर्वरक कारखानों से होने वाले उत्सर्जन को जिम्मेदार ठहराया और मोहनबाड़ी में मिट्टी की अम्लीय प्रकृति और वनस्पति से आने वाले आवेशित कणों को जिम्मेदार ठहराया।

टीम ने कहा कि थार रेगिस्तान की धूल जोधपुर और श्रीनगर में बारिश के पानी की अम्लीय प्रकृति को खत्म कर सकती है जिससे इन शहरों में बारिश का पीएच बढ़ रहा है।

शोधकर्ताओं ने कहा कि मौसम-दर-मौसम परिवर्तन भी एक भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने पाया कि शुष्क मौसम के दौरान बारिश के मौसम की तुलना में थोड़ी अधिक अम्लीयता होती है।

टीम ने समझाया कि ऐसा इसलिए है क्योंकि हवा में मौजूद अधिकांश अम्लीय कण पहली वर्षा में ही धुल जाते हैं, जिसके परिणामस्वरूप पीएच कम हो जाता है।

हालांकि, दस शहरों में से अधिकांश में पाया गया कि बारिश समय बीतने के साथ अधिक अम्लीय हुई है।

भाषा खारी संतोष

संतोष

संतोष


लेखक के बारे में