नयी दिल्ली, 25 सितंबर (भाषा) ऑल इंडिया किसान सभा और ऑल इंडिया एग्रीकल्चर वर्कर्स यूनियन ने बुधवार को आवारा पशुओं की समस्या को लेकर संसद मार्ग पर धरना दिया।
वामपंथी विचार वाले संगठनों ने वन्य जीवों और आवारा मवेशियों की सुरक्षा, हाथी गलियारे, बाघ अभयारण्य और वन्यजीव संरक्षण के नाम पर लोगों को बेदखल करने पर रोक लगाने और मवेशी व्यापार पर प्रतिबंध समाप्त करने की मांग की।
एआईकेएस और एआईएडब्ल्यूयू ने एक बयान में कहा, ‘‘केरल, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, तमिलनाडु, कर्नाटक, झारखंड, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और सहित अन्य राज्यों के सैकड़ों किसानों ने इस धरने में हिस्सा लिया।’’
दोनों संगठनों ने दावा किया कि पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री ने कुछ दिनों में प्रतिनिधिमंडल से मिलने पर सहमति जताई है।
संगठनों ने मांग की है कि मवेशियों के व्यापार पर लगे प्रतिबंध हटाए जाएं और बाजार भाव पर अनुत्पादक मवेशियों की खरीद की अनुमति दी जाए। उन्होंने गौरक्षक समूहों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की भी मांग की।
प्रदर्शनकारियों वन्यजीवों के हमले में मारे गए लोगों के परिवारों को एक-एक करोड़ रुपये का मुआवजा और सरकारी नौकरी तथा घायलों को 50 लाख रुपये देने की भी मांग की।
एआईकेएस महासचिव विजू कृष्णन ने धरना प्रदर्शन का उद्घाटन किया और एआईकेएस अध्यक्ष अशोक धावले सहित कई अन्य लोगों ने सभा को संबोधित किया।
भाषा
धीरज माधव
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