नयी दिल्ली, 23 अक्टूबर (भाषा) अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), दिल्ली ने स्वास्थ्य सेवाओं में कृत्रिम मेधा (एआई) की परिवर्तनकारी शक्तियों का लाभ उठाने के वास्ते चिकित्सकों को जरूरी कौशल एवं ज्ञान से लैस करने के लिए उभरती प्रौद्योगिकियों खासकर एआई पर एक कार्यशाला का आयोजन किया।
एम्स की डॉ. कंवलप्रीत कोचर ने कहा कि मंगलवार को आयोजित कार्यशाला में एआई और स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र की अग्रणी हस्तियां एक साथ आईं।
उन्होंने कहा, ‘‘(एआई के) व्यावहारिक अनुप्रयोगों और वास्तविक दुनिया की चुनौतियों पर ध्यान केंद्रित करके हम स्वास्थ्य क्षेत्र के भविष्य के पेशेवरों को नवोन्मेष और चिकित्सा परिणामों में उल्लेखनीय सुधार के लिए तैयार कर रहे हैं।’’
स्वास्थ्य सेवा विपणन एजेंसी ‘हेल्थप्रेस्सो’ के संस्थापक डॉ. स्वदीप श्रीवास्तव ने कहा कि एआई स्वास्थ्य सेवा आपूर्ति के दृष्टिकोण में एक बहुत बड़े बदलाव का द्योतक है।
उन्होंने कहा कि यह विशाल डेटा का विश्लेषण करने, छिपे हुए पैटर्न को सामने लाने तथा सुविचारित निर्णय लेने में सहयोग करता है ताकि इलाज में और सुधार आये।
श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘ हालांकि, इस शक्ति के साथ जिम्मेदारी भी आती है। हमें यह जरूर सुनिश्चित करना चाहिए कि समाज को सच्चे अर्थों में लाभ पहुंचाने के लिए एआई को नैतिक और समान रूप से लागू किया जाए और वह पक्षपात एवं निजता की चिंताओं को दूर करे।’’
मोहाली स्थित ‘सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस्ड कंप्यूटिंग (सी-डैक)‘ की वैज्ञानिक सोनिया दोसांझ ने कहा, ‘‘एआई डेटा-संचालित निर्णय लेने, रोग निगरानी और व्यक्तिगत उपचार योजनाओं में अभूतपूर्व अवसर प्रदान करता है। यह कार्यशाला इन अवसरों का दोहन करने की दिशा में एक कदम है।’’
भाषा
राजकुमार अविनाश
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