AIADMK protest against UCC : नई दिल्ली। केंद्र सरकार देश भर में समान नागरिक संहिता लागू करने के प्रयास में है। लेकिन अब मोदी सरकार के लिए UCC को लागू करना एक चुनौती बन गई है। कई राजनीतिक दलों और संगठनों की ओर से इसका विरोध किया जा रहा है। देश में भाजपा के लिए समान नागरिक संहिता लागू करना आसान होने वाला नहीं है।
विपक्ष तो विरोध कर ही रहा है लेकिन अब तमिलनाडु में भाजपा की प्रमुख सहयोगी अन्नाद्रमुक(AIADMK) ने भाजपा को झटका देते हुए कहा कि एआईएडीएमके ने भारत सरकार से समान नागरिक संहिता के लिए संविधान में कोई संशोधन नहीं लाने का आग्रह किया है।
एआईएडीएमके का मानना है कि यह कानून भारत के अल्पसंख्यकों के धार्मिक अधिकारों पर प्रतिकूल प्रभाव डालेगा। नेशनल पीपुल्स पार्टी के बाद एआईएडीएमके दूसरी प्रमुख भाजपा सहयोगी पार्टी है जिसने यूसीसी का विरोध किया है। वहीं अब देखना होगा कि भाजपा अपने इन प्रमुख सहयोगियों को कैसे मना पाती है।
AIADMK protest against UCC : इससे पहले नगालैंड में भाजपा की एक अन्य सहयोगी नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (एनडीपीपी) ने समान नागरिक संहिता के कार्यान्वयन पर अपनी आपत्ति जताई थी।
"AIADMK will urge the Government of India not to bring any amendments to the constitution for a Uniform Civil Code that will adversely affect the religious rights of minorities of India, reads AIADMK's Election Manifesto pic.twitter.com/nr2qKgCc2k
— ANI (@ANI) July 5, 2023