अहमदाबाद। अहमदाबाद में सात मई को मतदान की पूर्वसंध्या पर कम से कम 36 स्कूलों को भेजे गए बम विस्फोट की धमकी वाले ईमेल के तार पाकिस्तान से जुड़े थे। पुलिस ने शुक्रवार को यह जानकारी दी और इसे मतदान से पहले लोगों के बीच डर पैदा करने की कोशिश करार दिया। बता दें कि गुजरात की 26 में से 25 लोकसभा सीट के लिए मतदान एक चरण में सात मई को हुआ था। सूरत में भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार को कांग्रेस प्रत्याशी का नामांकन खारिज होने के बाद निर्विरोध निर्वाचित घोषित किया गया था।
अहमदाबाद अपराध शाखा ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, ‘‘ईमेल ‘मेल.रू’ डोमेन से भेजे गए थे, जिन्हें एक व्यक्ति ने खुद तौहीद लियाकत बनकर सारे स्कूलों को भेजा था, जिसका उद्देश्य मतदाताओं और भारतीय नागरिकों के बीच डर पैदा करना था।’’ संयुक्त पुलिस आयुक्त शरद सिंघल ने कहा कि लियाकत ने हमद जावेद के रूप में एक और पहचान भी बना ली थी। इन नामों वाला व्यक्ति पाकिस्तान के फैसलाबाद जिले से काम कर रहा था। उन्होंने कहा कि एक ही शख्स ने अलग-अलग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अलग-अलग पहचान बनायी, उनमें से एक हमद जावेद की भी है। उन्होंने कहा, इन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल भारतीयों के बीच भारत विरोधी संदेश, अफवाहें और डर फैलाने के लिए किया जाता है।
सिंघल ने कहा, ‘‘संभव है कि डर और अफवाह फैलाने के लिए नाम बनाया गया। लेकिन एक बात निश्चित है कि मेल, ‘मेल.रू’ डोमेन का उपयोग करके भेजे गए थे और स्थान पाकिस्तान के फैसलाबाद छावनी क्षेत्र में पाया गया था।’’ अधिकारी ने बताया कि आरोपी का नाम एक अन्य एजेंसी द्वारा मोहपाश (हनीट्रैप) के एक मामले में जांच के दौरान भी सामने आया था। सिंघल ने कहा कि आगे की जांच चल रही है और आसूचना ब्यूरो (आईबी), आतंकवाद रोधी दस्ता (एटीएस), राष्ट्रीय तकनीकी अनुसंधान संगठन (एनटीआरओ) और रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) जैसी एजेंसियों से संपर्क किया गया है। जिन 36 स्कूलों को धमकी भरा ईमेल मिला था, उनमें से कई को मतदान केंद्र बनाया गया था।
यह ईमेल शहर में मतदान से एक दिन पहले 6 मई को प्राप्त हुआ था, जहां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था। ईमेल की सामग्री इससे कुछ दिन पहले ही दिल्ली के स्कूलों को भेजे गए ईमेल के समान थी। इसे भी रूसी डोमेन का उपयोग करके भेजा गया था, और स्कूलों की तलाशी के बाद कोई विस्फोटक या कुछ भी संदिग्ध नहीं मिला था। अधिकारी ने कहा कि ईमेल भेजने वाले का पता लगाने के लिए तकनीकी निगरानी शुरू की गई थी।