people set fire to the police station : असम। पुलिस हिरासत में एक व्यक्ति की मौत के बाद गुस्साई भीड़ ने पुलिस थाने को आग के हवाले कर दिया। इस मामले पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है और अन्य लोगों की तालश जारी है। आगजनी के मामले को गंभीरता से लेते हुए प्रशासन ने आग लगाने वाले पांच परिवारों के घरों पर बुलडोजर चलवा दिया।
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डीआईजी (सेंट्रल रेंज) सत्यराज हजारिका ने कहा कि बटादराबा थाने में 21 मई को आग लगाने के मामले में हमने 20 लोगों को हिरासत में लिया है। मामले में जिन चार महिलाओं का नाम आ रहा है, उन्हें भी हिरासत में लिया गया है। इस हमले में 2 पुलिसकर्मी घायल भी हुए हैं।
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DGP भास्कर ज्योति महंत ने पुरे मामले की जानकरी देते हुए बताया कि “20 मई 2022 को रात लगभग 9.30 पर पुलिस को सार्वजानिक सड़क पर एक व्यक्ति के शराब पी कर लेटे होने की सूचना मिली। इसी सूचना पर 39 साल के शफीकुल इस्लाम को बटाद्रवा थाने लाया गया था। उसे मेडिकल चेकअप के लिए भेजा गया। अगले दिन उसे उसकी पत्नी को सौंप कर छोड़ दिया गया। शफीकुल की पत्नी ने उसे खाना और पानी दिया। बाद में शफीकुल ने अपनी तबियत खराब होना बताया, जिसके बाद उसे अस्पताल ले जाया गया। दुर्भाग्य से वहाँ उसकी मौत हो गई।”
Assam | Mob set Batadrava Police Station on fire in Nagaon district after man allegedly died in police custody
We’re investigating the allegations. 3 have been detained from among persons who attacked police station. 2 police personnel have been injured in attack: SP Leena Doley pic.twitter.com/7kwCCYwB0s
— ANI (@ANI) May 21, 2022
असम की डीजीपी भास्कर ज्योति महंत ने कहा कि, हम सफीकुल इस्लाम की दुर्भाग्यपूर्ण मौत को बहुत गंभीरता से लेते हैं और बटाद्रबा थानाध्यक्ष के ओसी को निलंबित कर दिया है। अगर पुलिस की तरफ से कोई गलती हुई होगी तो उसकी जांच होने के बाद दोषियों को सजा दी जाएगी।
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शफीकुल इस्लाम के परिवार के सदस्यों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उसकी रिहाई के लिए रिश्वत के तौर पर 10,000 रुपये और एक बत्तख की मांग की थी और व्यापारी की पत्नी सुबह एक बत्तख लेकर थाने गई थी। परिवार ने आरोप लगाया कि बाद में जब व्यापारी की पत्नी पैसे लेकर गई तो उसे पता चला कि उसके पति को नगांव सिविल अस्पताल ले जाया गया है। वहां पहुंचने के बाद व्यापारी की मौत होने की जानकारी मिली।