मेटा की माफी के बाद भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कहा, मामला अब खत्म

मेटा की माफी के बाद भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कहा, मामला अब खत्म

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  • Publish Date - January 15, 2025 / 09:42 PM IST,
    Updated On - January 15, 2025 / 09:42 PM IST

नयी दिल्ली, 15 जनवरी (भाषा) फेसबुक की मूल कंपनी मेटा ने बुधवार को अपने मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) मार्क जुकरबर्ग की उस टिप्पणी के लिए माफी मांगी जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत की मौजूदा सरकार 2024 के चुनावों में हार गई थी।

मेटा की माफी के पहले, केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ‘‘गलत सूचना’’ फैलाने के लिए जुकरबर्ग की आलोचना की थी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद निशिकांत दुबे ने कहा था कि संसद की समिति टिप्पणियों को लेकर मेटा के अधिकारियों को तलब करेगा।

सूचना प्रौद्योगिकी संबंधी संसद की स्थायी समिति के प्रमुख दुबे ने कहा कि मेटा इंडिया के एक अधिकारी द्वारा माफी मांगे जाने के बाद जुकरबर्ग की टिप्पणी से संबंधित मामला अब खत्म हो गया है।

मेटा इंडिया के उपाध्यक्ष शिवनाथ ठुकराल ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘मंत्री अश्विनी वैष्णव, मार्क जुकरबर्ग का यह बयान कि 2024 के चुनावों में कई सत्तारूढ़ पार्टियां फिर से निर्वाचित नहीं हुईं, कई देशों के लिए सही है, लेकिन भारत के लिए नहीं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हम अनजाने में हुई इस भूल के लिए माफी मांगते हैं। भारत मेटा के लिए महत्वपूर्ण देश बना हुआ है और हम इसके अभिनव भविष्य के केंद्र में होने की आशा करते हैं।’’

जुकरबर्ग ने एक ‘पॉडकास्ट’ में कहा था कि 2024 के चुनावों में भारत सहित अधिकांश मौजूदा सरकारों को कोविड महामारी के बाद हार का सामना करना पड़ा।

सूचना एवं प्रसारण, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री वैष्णव ने भारत के बारे में भ्रामक बयान देने के लिए जुकरबर्ग की आलोचना की थी।

वैष्णव ने 13 जनवरी को ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा था, ‘‘जुकरबर्ग का यह दावा कि 2024 के चुनावों में भारत सहित अधिकांश मौजूदा सरकारों को कोविड महामारी के बाद हार का सामना करना पड़ा, तथ्यात्मक रूप से गलत है।’’

वैष्णव ने कहा कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में भारत ने 2024 के आम चुनाव का संचालन किया, जिसमें 64 करोड़ से अधिक मतदाताओं ने हिस्सा लिया। उन्होंने कहा, ‘‘भारत के लोगों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में राजग (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) में अपने विश्वास को फिर से दोहराया।’’

वैष्णव ने कहा, ‘‘80 करोड़ लोगों को मुफ्त भोजन, 2.2 अरब टीके और कोविड-19 के दौरान दुनियाभर के देशों को सहायता देने से लेकर भारत को सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था के रूप में नेतृत्व करने तक, तीसरे कार्यकाल में प्रधानमंत्री मोदी की निर्णायक जीत सुशासन और जनता के विश्वास का प्रमाण है।’’

मेटा को टैग करते हुए, उन्होंने कहा था कि खुद जुकरबर्ग की ओर से गलत सूचना प्रसारित करना ‘निराशाजनक’ है। वैष्णव ने कहा, ‘‘तथ्यों और विश्वसनीयता को बरकरार रखें।’’

मेटा द्वारा माफी मांगने के बाद दुबे ने कहा कि वह इस मामले को बंद मानेंगे। दुबे ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘मेटा इंडिया के एक अधिकारी ने आखिरकार गलती के लिए माफी मांग ली है। यह भारत के आम नागरिकों की जीत है।’’

भाषा आशीष माधव

माधव