कंचनजंघा हादसे के बाद अधिकारियों ने कर्मचारी संघों से संरक्षा संबंधी रिक्तियों को भरने पर चर्चा की

कंचनजंघा हादसे के बाद अधिकारियों ने कर्मचारी संघों से संरक्षा संबंधी रिक्तियों को भरने पर चर्चा की

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  • Publish Date - June 21, 2024 / 11:07 PM IST,
    Updated On - June 21, 2024 / 11:07 PM IST

नयी दिल्ली, 21 जून (भाषा) पश्चिम बंगाल में 17 जून को कंचनजंघा एक्सप्रेस ट्रेन के दुर्घटनाग्रस्त होने के कारण 10 लोगों की मौत के एक दिन बाद रेलवे मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने कर्मचारी संघों के पदाधिकारियों के साथ एक आपातकालीन बैठक करके संरक्षा श्रेणी के कर्मचारियों की रिक्तियों को शीघ्रता से भरने पर चर्चा की। रेलवे के एक कर्मचारी संघ ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

महानिदेशक (मानव संसाधन) और रेलवे बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारियों ने दो संघों ‘ऑल इंडिया रेलवेमेन्स फेडरेशन’ (एआईआरएफ) और ‘नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन रेलवेमेन’ (एनआरआईएफ) के प्रतिनिधियों से मुलाकात की और इन पदों को जल्द से जल्द भरने में उनका सहयोग मांगा।

बैठक में शामिल हुए एआईआरएफ के महासचिव शिव गोपाल मिश्रा ने कहा, ‘‘मुझे खुशी है कि रेलवे बोर्ड ने रिक्त पदों को भरने में अत्यधिक तत्परता दिखाई और रेलगाड़ियों के सुरक्षित संचालन के लिए यह बहुत ही सकारात्मक कदम है।’’

इसके पहले सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत मांगी गई जानकारी के जवाब में रेलवे बोर्ड ने बताया था कि संरक्षा श्रेणी के तहत लगभग 10 लाख स्वीकृत पदों में से 1.5 लाख से अधिक रिक्त हैं।

संरक्षा श्रेणी के पदों में चालक, निरीक्षक, चालक दल नियंत्रक, चालक प्रशिक्षक, ट्रेन नियंत्रक, पटरी की मरम्मत करने वाले कर्मी, स्टेशन मास्टर, इलेक्ट्रिक सिग्नल के मरम्मतकर्मी और सिग्नलिंग पर्यवेक्षक शामिल हैं।

मिश्रा ने कहा कि बैठक के बाद उसी दिन 18,799 सहायक ट्रेन चालक (एएलपी) के लिए रिक्तियों की घोषणा की गई और भर्ती प्रक्रिया शुरू की गई है।

पश्चिम बंगाल के न्यू जलपाईगुड़ी के पास सोमवार को कंचनजंघा एक्सप्रेस को एक मालगाड़ी ने टक्कर मार दी थी जिससे 10 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए।

भाषा संतोष नेत्रपाल

नेत्रपाल