African Swine Fever : नई दिल्ली – भारत में पहले कोरोना, ओमिक्रोम, मंकीपॉक्स का कहर फैला जिसमें लाखों लोगों को अपनी जान गवानी पडी। वहीं जानवरों में लंपी वायरल जैसी बीमारी ने अपना कहर दिखाया जिसमें लाखों गायों की मौत हो गई। हालांकि अभी भी लंपी का कहर देश में चल रहा है। वहीं अब केरल के कोट्टायम जिले पिग फार्म में अफ्रीकी स्वाइल फीवर के मामले आना शुरू हो गए हैं। मौजूदा हालातों को देखते हुए अधिकारियों ने राज्य के कुछ इलाकों में पोर्क बेचने वाली दुकानें बंद करने के निर्देश दिए है। स्वस्थ सूअर संक्रमित जगहों पर न पहुंचे, इसके लिए भी कदम उठाए जा रहे हैं।>>*IBC24 News Channel के WHATSAPP ग्रुप से जुड़ने के लिए यहां CLICK करें*<<
African Swine Fever : बीमारी का पहला केस 13 अक्टूबर को आया था, जिसके बाद अगले 2-3 दिन में फार्म में 6-7 सूअरों की मृत्यु हो गई। जब मौत की वजह जानने के लिए सैंपल भेजे गए, तब इनमें अफ्रीकी स्वाइन फीवर के वायरस की पुष्टि हुई। यह एक ऐसा संक्रमण है जो पालतू और जंगली सूअरों को प्रभावित करता है। इस बीमारी की मृत्यु दर 100% है यानी इससे संक्रमित होने पर किसी भी सूअर की जान नहीं बच पाती।
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अफ्रीकी स्वाइन फीवर इंसानों में नहीं फैलता है। यह बुखार एक जानवर से दूसरे जानवर में छूने या बॉडी फ्लुइड के जरिए फैलता है। सूअरों को कच्चा खाना खिलाने की वजह से भी वायरस का संक्रमण फैल सकता है। अफ्रीकी स्वाइन फीवर होने पर सूअरों में तेज बुखार, भूख न लगना, कमजोरी, त्वचा में लालिमा, फफोले, दस्त, उल्टी, खांसी और सांस लेने में परेशानी जैसे लक्षण देखे जा सकते हैं।
African Swine Fever : जिस फार्म से ये मामले सामने आए हैं, वहां कुल 67 सूअर थे। इनमें से बीमारी की चपेट में आने के कारण 19 सूअरों की मौत हो गई। वहीं, 48 सूअरों को पशुपालन विभाग द्वारा मार दिया गया, ताकि बीमारी आगे न फैले। अब यहां जानवरों के परिवहन और बिक्री, मांस की बिक्री और जानवरों को ले जाने वाले वाहनों पर सख्त प्रतिबंध लगा दिया गया है। कुछ महीने पहले वायनाड और कन्नूर जिलों के कुछ खेतों से भी इस बीमारी की सूचना मिली थी।