African swine flu news India : ऋषिकेश। उत्तर-पूर्वी भारत में फैला अफ्रीकन स्वाइन फीवर अब ऋषिकेश तक पहुंच गया है। जहां अब तक अफ्रीकन स्वाइन फीवर से 150 से ज्यादा सुअरों की मौत हो चुकी है। ऋषिकेश जिला प्रशासन त्वरित प्रतिक्रिया दिखाते हुए,ऋषिकेश क्षेत्र को अफ्रीकन स्वाइन फीवर का संक्रमित जोन घोषित किया है। ऋषिकेश नगर निगम क्षेत्र की 10 किलोमीटर की परिधि में सुअरों के लाने-ले जाने और मांस पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। लेकिन अब यह वायरस गंगा में फैल रहा है।>>*IBC24 News Channel के WhatsApp ग्रुप से जुड़ने के लिए यहां Click करें*<<
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प्रशासन के इन आदेशों की धडल्ले से अवहेलना की जा रही है,जिसका ताज़ा उदाहरण हरिद्वार रोड पर डंपिंग ग्राउंड में देखा जा सकती है। प्रशासन द्वारा अफ्रीकन स्वाइन फीवर से मरे सुअरों को वैज्ञानिक विधि से डिस्पोज करने के आदेश दिए थे, लेकिन मृत सुअरों को डंपिंग ग्राउंड में सिर्फ ब्लीचिंग पाउडर डालकर छोड़ दिया जा रहा है। जिसके बाद बारिश से सुअरों के शव पर पड़ा पानी नाले के रास्ते गंगा में जा रहा है।
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सुअरों के शव वाला पानी गंगा में जाने से संक्रमण बढ़ने की आशंका
नगर निगम बताया कि सुअरों को डिस्पोज करने के 2 स्थान हैं, एक रेलवे लाइन के पास दूसरा ऋषिकेश का ट्रेंचिंग ग्राउंड। जिलाधिकारी के आदेश को ठेंगे पर रखते हुए सुअर पालकों और निगम अधिकारी ने हरिद्वार रोड पर डंपिंग ग्राउंड मरे सुअरों को ब्लीचिंग पाउडर डालकर छोड़ दिया, जिसके बाद बारिश का पानी सुअरों के शव पर पड़ रहा है। यह पानी पानी नाले के रास्ते गंगा मे जा रहा है। इससे संक्रमण सूअरों के साथ मनुष्यों मे भी फैल सकता है ।
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यह एक संक्रामक और खतरनाक पशु रोग है, जो घरेलू और जंगली सूअरों को संक्रमित करता है। इसके संक्रमण से सूअर एक प्रकार के तीव्र बुखार से पीड़ित होते हैं। इस बुखार का अभी तक कोई इलाज नहीं है। इसके संक्रमण को फैलने से रोकने का एकमात्र तरीका जानवरों को मारना है। वहीं जो लोग इस बीमारी से ग्रसित सूअरों के मांस का सेवन करते हैं, उनमें तेज बुखार, अवसाद सहित कई गंभीर समस्याएं शुरू हो जाती हैं।