अंतरराष्ट्रीय चिकित्सीय उपकरण नियामक मंच का संबद्ध सदस्य बना भारत

अंतरराष्ट्रीय चिकित्सीय उपकरण नियामक मंच का संबद्ध सदस्य बना भारत

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  • Publish Date - October 3, 2024 / 03:47 PM IST,
    Updated On - October 3, 2024 / 03:47 PM IST

नयी दिल्ली, तीन अक्टूबर (भाषा) भारत अंतरराष्ट्रीय चिकित्सीय उपकरण नियामक मंच (आईएमडीआरएफ) का संबद्ध सदस्य बन गया है जिससे दुनियाभर में नियामक प्राधिकारों के साथ साझेदारी के लिए अनेक अवसरों के द्वार खुलेंगे। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।

वर्ष 2011 में स्थापित आईएमडीआरएफ वैश्विक चिकित्सीय उपकरण नियामकों का एक संयुक्त समूह है जो अंतरराष्ट्रीय चिकित्सीय उपकरण नियामकों के बीच सहयोग और समन्वय को प्रोत्साहन देने के लिए कार्यरत है।

आईएमडीआरएफ के सदस्यों में अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, यूरोपीय संघ, जापान, ब्रिटेन, ब्राजील, रूस, चीन, दक्षिण कोरिया और सिंगापुर के राष्ट्रीय नियामक प्राधिकरण तथा विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) शामिल हैं।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक विज्ञप्ति में कहा, ‘‘ वैश्विक स्वीकृत मानकों के साथ भारत के नियामक ढांचे को संरेखित करने के उद्देश्य से चिकित्सीय उपकरणों के लिए विस्तृत नियामकों की शुरूआत की गई है। इस पहल से चिकित्सीय उपकरण क्षेत्र में विकास और नवाचार को प्रोत्साहन देने वाले नियामक तंत्र का विकास होगा।’’

इसमें कहा गया, ‘‘स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अंतर्गत केंद्रीय औषध मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने घरेलू उद्योग की प्रतिस्पर्धा में वृद्धि करने तथा चिकित्सीय उपकरण नियामक प्रणाली को वैश्विक रूप से संरेखित करने के उद्देश्य से वर्ष 2024 में अंतर्राष्ट्रीय चिकित्सीय उपकरण नियामक मंच (आईएमडीआरएफ) की सदस्यता के लिए आवेदन किया।’’

मंत्रालय ने कहा, ‘‘भारत की संबद्ध सदस्यता की समीक्षा करने के बाद और सितंबर 2024 में अमेरिका के सिएटल में आयोजित आईएमडीआरएफ के 26वें सत्र के दौरान सीडीएससीओ के वरिष्ठ अधिकारियों के विचार विमर्श के बाद मंच द्वारा सीडीएससीओ को संबद्ध सदस्यता की अनुमति प्रदान की गई।’’

विज्ञप्ति के अनुसार संबद्ध सदस्य के रूप में भारत आईएमडीआरएफ के खुले सत्रों में भागीदारी कर सकेगा।

मंत्रालय ने कहा कि मंच की सदस्यता भारत के चिकित्सीय उपकरण निर्माताओं को आईएमडीआरएफ सदस्य देशों के नियामक आवश्कताओं की पूर्ति करने में सक्षम बनाएगी, जिससे वैश्विक बाजार में “ब्रांड इंडिया” को मजबूती प्राप्त होगी।

भाषा वैभव नरेश

नरेश