तिरुवनंतपुरम, 22 अक्टूबर (भाषा) कन्नूर के जिला कलेक्टर अरुण के विजयन ने मंगलवार को दोहराया कि उन्होंने अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट (एडीएम) दिवंगत नवीन बाबू के विदाई समारोह में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की नेता और पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष पी पी दिव्या को आमंत्रित नहीं किया था।
भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी ने कहा कि जिला कलेक्टरेट में आयोजित कार्यक्रम से पहले उनके पास दिव्या का फोन आया था और उन्होंने जांचकर्ताओं को अपने कॉल रिकॉर्ड की जानकारियां सौंप दी हैं।
दिव्या ने बाबू के तबादले के आदेश के बाद आयोजित विदाई समारोह के दौरान उन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे, जिसके कुछ घंटों बाद बाबू ने कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी। इस मामले को लेकर केरल में राजनीतिक विवाद पैदा हो गया है।
बाबू की मौत की जांच के तौर पर पुलिस ने सोमवार रात को कन्नूर के कलेक्टर के यहां आधिकारिक आवास पहुंचकर उनका बयान दर्ज किया।
विजयन ने मंगलवार सुबह यहां पत्रकारों से बातचीत में कहा कि जांचकर्ताओं ने उनसे पूछा कि क्या दिव्या को विदाई समारोह में आमंत्रित किया गया था।
उन्होंने कहा, ‘‘यह भी बयान का हिस्सा था…एक फोन कॉल आया था। मैं यहां इसकी जानकारियां नहीं बताना चाहता क्योंकि इनकी जांच की जा रही है।’’
कलेक्टर ने कहा कि चाहे पुलिस जांच हो या विभागीय जांच हो, अंतिम रिपोर्ट आने दीजिए और फिर सब कुछ साफ हो जाएगा।
एक सवाल पर उन्होंने अपने पहले के बयान को दोहराया कि उन्होंने विदाई समारोह में दिव्या को आमंत्रित नहीं किया था।
विजयन ने कहा कि उन्होंने इस संबंध में जांचकर्ताओं को भी बयान दिया है।
उन्होंने कहा कि उनके एडीएम से अच्छे कामकाजी संबंध थे और उन्हें दिवंगत अधिकारी के खिलाफ आरोपों की कोई जानकारी नहीं थी।
विजयन ने यह भी कहा कि उन्होंने उस पेट्रोल पम्प की फाइल की जांच की थी जिसके संबंध में एडीएम के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए थे और उन्हें ऐसी कोई जानकारी नहीं थी कि क्या अनापत्ति प्रमाणपत्र देने में कोई देरी की गयी थी।
माकपा नेता पी पी दिव्या ने बाबू के विदाई समारोह में कन्नूर जिले में एक पेट्रोल पम्प के लिए अनापत्ति प्रमाणपत्र देने के संबंध में उन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे।
दिव्या 14 अक्टूबर को कथित तौर पर बिना निमंत्रण के बाबू के विदायी समारोह में पहुंची थीं। दिव्या ने चेंगलाई में एक पेट्रोल पंप को मंजूरी देने में कई महीनों की देरी के लिए एडीएम की आलोचना की थी और कहा था कि उन्होंने तबादले के दो दिन बाद ही मंजूरी दे दी। उन्होंने संकेत दिया था कि वह अचानक दी गई इस मंजूरी के कारणों को जानती हैं।
इसके अगले दिन बाबू कन्नूर में अपने सरकारी आवास में मृत पाए गए थे।
उनकी मौत पर मचे घमासान के बीच माकपा ने दिव्या को कन्नूर जिला पंचायत के अध्यक्ष पद से हटा दिया है।
भाषा
गोला मनीषा
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