'मेरा राजनीतिक भविष्य कैसा होगा.. नहीं जानता', जानें कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने क्यों कही ये बात... | Adhir Ranjan Chowdhury Statement

‘मेरा राजनीतिक भविष्य कैसा होगा.. नहीं जानता’, जानें कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने क्यों कही ये बात…

Adhir Ranjan Chowdhury Statement: 'मेरा राजनीतिक भविष्य कैसा होगा.. नहीं जानता', जानें कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने क्यों कही ये बात...

Edited By :   Modified Date:  June 5, 2024 / 09:54 PM IST, Published Date : June 5, 2024/9:51 pm IST

Adhir Ranjan Chowdhury Statement: कोलकाता। पश्चिम बंगाल के बहरामपुर संसदीय क्षेत्र से हार के एक दिन बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पांच बार के सांसद अधीर रंजन चौधरी ने बुधवार को कहा कि वह नहीं जानते कि उनका राजनीतिक भविष्य कैसा होगा। पार्टी की पश्चिम बंगाल इकाई के प्रमुख चौधरी को तृणमूल कांग्रेस के स्टार उम्मीदवार और पूर्व क्रिकेटर यूसुफ पठान ने 85,000 से अधिक मतों के अंतर से हरा दिया। चौधरी की पराजय के साथ ही कांग्रेस ने बहरामपुर पर अपनी राजनीतिक पकड़ खो दी, जो राज्य में कांग्रेस का अंतिम गढ़ था। पार्टी को केवल एक सीट मालदा दक्षिण पर जीत मिली है।

Read more: Pension Scheme Latest News: पेंशन के लिए दफ्तरों के नहीं काटने होंगे चक्कर, अब अपने आप बनेगी पेंशन… 

अपने बहरामपुर आवास पर एक बांग्ला टीवी चैनल से बात करते हुए चौधरी ने कहा कि उन्हें आशंका है कि आने वाला समय उनके लिए कठिन होगा। चौधरी (68) ने कहा, “इस सरकार से लड़ने के प्रयास में मैंने अपनी आय के स्रोतों की अनदेखी की है। मैं खुद को बीपीएल (गरीबी रेखा से नीचे का) सांसद कहता हूं। राजनीति के अलावा मेरे पास कोई और कौशल नहीं है। इसलिए आने वाले दिनों में मेरे लिए मुश्किलें खड़ी होंगी और मुझे नहीं पता कि उनसे कैसे पार पाया जाए।” चौधरी ने पुष्टि की कि वह अपना सांसद आवास खाली करने के लिए जल्द ही राजधानी जाएंगे।

उन्होंने कहा, “मेरी बेटी एक छात्रा है और कभी-कभी अपनी पढ़ाई के लिए इस जगह का इस्तेमाल करती है। मुझे वहां एक नया घर ढूंढना होगा, क्योंकि मेरे पास कोई घर नहीं है।” चुनाव के बाद ममता बनर्जी की ‘इंडिया’ गठबंधन के साथ निकटता पर बात करते हुए चौधरी ने कहा कि उन्होंने गठबंधन में टीएमसी की मौजूदगी पर कभी आपत्ति नहीं जताई। हालांकि चौधरी ने इस बात से सहमति जताई कि उन्होंने बनर्जी के साथ गठबंधन का विरोध करते हुए पार्टी हाईकमान के समक्ष अपनी बात रखी है, क्योंकि उनका मानना ​है​ कि यह राजनीतिक आत्महत्या के समान होगा।

यह पूछे जाने पर कि क्या वह प्रदेश कांग्रेस प्रमुख के पद पर बने रहेंगे तो उन्होंने कहा, “मैंने चुनाव में अपनी हार स्वीकार कर ली है और पहले अपने नेताओं से इस पद के लिए मुझसे ज्यादा योग्य व्यक्ति को खोजने का आग्रह करते हुए अपना पद छोड़ना चाहता था। मैं सोनिया गांधी के अनुरोध पर रुका रहा। मुझे अभी तक अपने नेताओं की ओर से कोई फोन नहीं आया है। फोन आने पर मैं एक बार फिर पार्टी को अपनी इच्छा से अवगत कराउंगा।” चौधरी ने कहा कि बहरामपुर में प्रचार के लिए किसी नेता को न भेजना पार्टी का विवेकाधिकार है और इस बारे में वह कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते।

Read more: Congress Guarantee Card: खटाखट-खटाखट..! चुनाव खत्म होते ही कांग्रेस मुख्यालय पहुंची महिलाएं, राहुल गांधी ने किया था 1 लाख रुपए देने का वादा

Adhir Ranjan Chowdhury Statement: उन्होंने कहा, “जब राहुल गांधी की ‘पूरब-पश्चिम भारत जोड़ो यात्रा’ मुर्शिदाबाद पहुंची तो हमने उसमें हिस्सा लिया। हमारे पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने एक बार मालदा में प्रचार किया, लेकिन बहरामपुर कभी नहीं आए। यह हमारे केंद्रीय नेतृत्व का फैसला था, जिसके बारे में मुझे कुछ नहीं कहना है।” साल 1999 से बहरामपुर से सांसद चौधरी के लिए यह शायद सबसे कठिन चुनावी मुकाबला था, जिसमें उन्हें गुजरात के रहने वाले टीएमसी उम्मीदवार पठान से शिकस्त का सामना करना पड़ा।

 

IBC24 की अन्य बड़ी खबरों के लिए हमारे फेसबुक फेज को भी फॉलो करें

IBC24 की अन्य बड़ी खबरों के लिए यहां क्लिक करें

Follow the IBC24 News channel on WhatsApp