ad hoc teachers ka badhega mandey: एडेड इंटर कालेजों के तदर्थ (एडहॉक) शिक्षकों को बड़ी राहत मिल सकती है। सरकार जल्द ही तदर्थ शिक्षकों को मानदेय दिए जाने के प्रस्ताव पर मार्च में अन्तिम निर्णय कर सकती है। शिक्षा विभाग के प्रस्ताव को वित्त से हरी झंडी मिलने के बाद इस दिशा में उम्मीद बढ़ी है। मंत्रिमण्डल की होने वाली बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी मिलेगी।
ad hoc teachers ka badhega mandey: पिछले साल तदर्थ शिक्षकों को नियत मानदेय दिए जाने का एक प्रस्ताव शासन को भेजा गया था जिसे विभिन्न स्तरों से मंजूरी के बाद अब वित्त विभाग से भी कुछ शर्तों मसलन सामान्य शिक्षकों की भांति सुविधाएं नहीं दी जाएंगी और न ही ये नियमित शिक्षकों के समकक्ष माने जाएंगे, आदि के साथ मंजूरी दे दी गई है। अब शिक्षा विभाग इस प्रस्ताव को कैबिनेट भेजेगा। विदित हो कि एडेड इंटर कॉलेजों में टीजीटी और पीजीटी परीक्षा के जरिए माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड शिक्षकों की भर्ती करता है।
ad hoc teachers ka badhega mandey: कई बार भर्तियों में विलंब होने या किसी वजह से भर्तियों में देर होने की वजह से खाली पदों पर प्रबंधन अपने स्तर से भर्तियां कर लेता है। ऐसे तदर्थं शिक्षक समय-समय पर भर्ती होते रहे। सामान्य शिक्षक की तरह इनका वेतन भी मिलने लगता है बाद में इन भर्तियों पर विवाद होता है और कोर्ट में मामला पहुंच जाता है विवाद बढ़ने की दशा में सरकार ने रास्ता निकालते हुए ऐसे शिक्षकों को नियमित भी किया गया उनको तब से वेतन मिल रहा है।
ad hoc teachers ka badhega mandey: नियमितीकरण की तारीख के बाद भी विद्यालय प्रबंधन शिक्षकों की भर्ती करते रहें हैं। ऐसे ही कई शिक्षक वेतन के लिए बाद में कोर्ट पहुंचते रहे हैं। इसमें हाईकोर्ट ने समय-समय पर अलग-अलग फैसले दिए। उसके बाद करीब 2 साल पहले मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा सुप्रीम कोर्ट ने तदर्थ आवाज को खत्म करने के आदेश दिए यही वजह है कि कई जिलों में डीआईओएस ने तथा शिक्षकों के वेतन रोक दिए। वेतन रोके जाने का मुद्दा पिछले दिनों विधान परिषद में भी उठा था और शिक्षक संघ ने इस मुद्दे पर प्रदर्शन भी किया था।