तुंगनाथ मंदिर की डोली यात्रा में व्यवधान के मामले में वन विभाग के अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई

तुंगनाथ मंदिर की डोली यात्रा में व्यवधान के मामले में वन विभाग के अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई

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  • Publish Date - November 9, 2024 / 02:12 PM IST,
    Updated On - November 9, 2024 / 02:12 PM IST

रुद्रप्रयाग, नौ नवंबर (भाषा) उत्तराखंड में स्थित तुंगनाथ मंदिर की डोली यात्रा के मार्ग में कथित तौर पर वन विभाग द्वारा निर्मित ‘ईको हट’ के कारण यात्रा में पांच घंटे के व्यवधान के मामले में वन विभाग के एक अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की गई है।

रुद्रप्रयाग वन प्रभाग की उप वन संरक्षक कल्याणी ने बताया कि पांच नवंबर को हुए इस मामले की शासन को प्रारंभिक रिपोर्ट भेज दी गयी है और एक अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की गयी है ।

उन्होंने बताया कि तुंगनाथ मंदिर के शीतकालीन पड़ाव स्थल की ओर जाने वाले पारंपरिक रास्ते को संरक्षित किया जाएगा ।

इस संबंध में जारी एक आदेश के अनुसार, उप वन क्षेत्राधिकारी कुंवर लाल को मामले की सूचना मिलने के बाद भी मौके पर पहुंचने में विलंब करने तथा मामले के समाधान के प्रयास से बचने का प्रयास करने और इस प्रकार अपने दायित्व के निर्वहन में विफल रहने के आरोप में रुद्रप्रयाग के प्रभागीय वन अधिकारी के कार्यालय से संबंद्ध किया गया है ।

भगवान शिव को समर्पित तुंगनाथ मंदिर उच्च गढ़वाल हिमालयी क्षेत्र में रुद्रप्रयाग जिले में ग्यारह हजार फुट की ऊंचाई पर स्थित है । सर्दियों में कपाट बंद होने के बाद उनकी शीतकालीन पूजा तुंगनाथ से लगभग 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित मक्कू गांव में स्थित मंदिर में होती है।

गर्मियों में कपाट खुलने और सर्दियों में बंद होते समय भगवान की उत्सव डोली घने जंगलों और बुग्यालों से होती हुई अपने गंतव्य तक पहुंचती है।

तुंगनाथ मंदिर के मठापति रामप्रसाद मैठाणी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि भगवान की उत्सव डोली के आने-जाने के पारंपरिक रास्ते में वन विभाग की ओर से ‘टैंट कॉलोनी’ और ‘ईको पार्क’ बनाया गया है।

उन्होंने बताया कि पांच नवंबर को जब डोली वहां पहुंची तो टैंट के कारण रास्ता बंद था। डोली के रूकने की सूचना पर उप जिलाधिकारी और वन विभाग के अधिकारी वहां पहुंचे और लगभग पांच घंटे बाद रास्ते में अवरोधक बने ईको फ्रेंडली हट्स को तोड़ कर डोली को रास्ता दिया गया।

रुद्रप्रयाग जिले की केदारनाथ विधानसभा पर 20 नवंबर को होने जा रहे उपचुनाव के लिए इन दिनों प्रचार जोरों पर है और माना जा रहा है कि मामला तूल न पकड़े, इसके लिए स्थानीय अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गयी है ।

मठापति मैठाणी ने कहा कि ‘ईको हट्स’ के अगल-बगल से निकलने की जगह तो थी लेकिन वहां गंदगी थी और इसलिए उत्सव डोली रोकनी पड़ी।

पारंपरिक मार्ग पर निर्माण के कारण वैकल्पिक व्यवस्था न करने को ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ बताते हुए क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ता अनुसूया प्रसाद मलासी ने कहा कि यह निर्माण एक दिन में तो हुआ नहीं होगा और स्थानीय जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों ने भी निर्माण होते देखा होगा।

उन्होंने कहा, ‘‘फिर कैसे रास्ते में ‘ईको हट्स’ बन गए और भगवान की परंपरागत उत्सव यात्रा को पांच घंटे तक रुकना पड़ा। वैकल्पिक रास्ता भी नहीं बनाया गया । यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है।’’

भाषा सं दीप्ति नेत्रपाल शोभना

शोभना