नई दिल्ली। कांग्रेस में ‘लेटर बम’ फोड़ने वाले नेताओं के खिलाफ पार्टी ने कार्रवाई शुरू हो गई है। कांग्रेस कार्यकारिणी की हंगामेदार बैठक के बाद पार्टी ने सख्त कदम उठाते हुए चिट्ठी लिखने वाले नेताओं को संसद की नई नियुक्तियों में नजरअंदाज कर दिया है या उनके पर कतर दिए हैं।
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हमेशा लोकसभा में पार्टी की आवाज बुलंद करने वाले तिरुवनंतरपुम से सांसद शशि थरूर और आनंदपुर साहिब से सांसद मनीष तिवारी की नजरअंदाज करते हुए युवा गौरव गोगोई को लोकसभा डेप्युटी लीडर नियुक्त किया गया है। वहीं, रवनीत सिंह बिट्टू को पार्टी का चीफ व्हिप बनाया गया है। गौरतलब है कि थरूर और तिवारी पत्र लिखने वाले 23 नेताओं में शामिल थे।
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वहीं पार्टी ने संसद में आने वाले मुद्दों को लेकर 10 नेताओं का एक समूह बनाया है। इमसें सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखने वाले गुलाम नबी आजाद और आनंद शर्मा भी शामिल हैं। इसके अलावा सोनिया के खास सिपहसलार अहमद पटेल, जयराम रमेश और केसी वेणुगोपाल भी इसमें शामिल हैं। रमेश को राज्यसभा में पार्टी चीफ व्हिप नियुक्त किया गया है। इसमें लोकसभा में पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी समेत 5 सांसद शामिल हैं। बताया जा रहा है अभी तक राज्यसभा में कांग्रेस की बात रखने वाले आजाद और शर्मा पर नियंत्रण रखने के लिए इतना बड़ा समूह बनाया गया है।
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