महाकुंभ नगर, 31 जनवरी (भाषा) महाकुंभ भगदड़ की जांच के लिए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा गठित तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग के अध्यक्ष सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति हर्ष कुमार ने शुक्रवार को कहा कि सीसीटीवी फुटेज और घटनास्थल की ‘टोपोग्राफी’ के आधार पर हादसे की सघन जांच की जाएगी।
महाकुंभ भगदड़ की जांच के लिए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा गठित न्यायिक आयोग शुक्रवार को प्रयागराज में संगम नोज स्थित घटनास्थल पर पहुंचा और अधिकारियों से जानकारी ली। इसके बाद आयोग के सदस्यों ने एसआरएन अस्पताल में भर्ती घायलों से पूछताछ की।
सरकार द्वारा जारी बयान के मुताबिक, आयोग के अध्यक्ष सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति हर्ष कुमार ने शुक्रवार को प्रयागराज में अधिकारियों के साथ पहली बैठक की। बैठक के बाद आयोग ने संगम नोज के निकट घटनास्थल का निरीक्षण भी किया।
बयान के मुताबिक, आयोग ने अधिकारियों से हादसे की परिस्थितियों और इलाके की भौगोलिक स्थिति पर विस्तृत जानकारी ली। न्यायमूर्ति हर्ष कुमार ने बताया कि यह आकस्मिक दुर्घटना थी लेकिन इसके पीछे के कारणों को सिलसिलेवार तरीके से समझने का प्रयास किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि घटनास्थल पर निरीक्षण पूरा कर लिया गया है, लेकिन अगर दोबारा जांच की जरूरत पड़ी तो टीम फिर आएगी। आयोग के सदस्य, सेवानिवृत्त आईएएस डी के सिंह और सेवानिवृत्त आईपीएस वी के गुप्ता ने भी जांच में तेजी लाने की बात कही है।
आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति कुमार ने कहा, “हमारे पास केवल एक महीने का समय है, लेकिन जांच को प्राथमिकता के साथ तेजी से पूरा करेंगे। जांच प्रक्रिया से महाकुंभ में कोई व्यवधान ना हो, इसका ध्यान रखा जाएगा। आयोग सभी तथ्यों का गहन विश्लेषण करके किसी ठोस निष्कर्ष पर पहुंचेगा।”
आयोग ने अस्पताल जाकर घायलों से बातचीत भी की। न्यायमूर्ति हर्ष कुमार ने कहा कि घायलों से मिली जानकारी, जांच को सही दिशा देने में मदद करेगी। उन्होंने कहा कि किसी एक पहलू पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय सभी संभावित कारणों पर विचार किया जाएगा।
घटनास्थल पर आयोग के साथ मौजूद मेलाधिकारी विजय किरन आनंद, डीआईजी वैभव कृष्ण, एसएसपी राजेश द्विवेदी सहित अन्य अधिकारियों ने आयोग के सदस्यों को जानकारी दी। आयोग ने भारी सुरक्षा के बीच उस क्षेत्र का भ्रमण किया।
महाकुंभ हादसे की जांच के लिए गठित तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग ने अपने गठन के अगले ही दिन से काम शुरू कर दिया। आयोग को जांच करने के लिए एक महीने का समय मिला है, लेकिन आयोग तेजी से जांच करेगा।
पुलिस के मुताबिक, यह घटना इसलिए हुई क्योंकि भीड़ बैरिकेड को तोड़कर दूसरी तरफ घाट पर बैठे लोगों को कुचलते हुए आगे बढ़ गई। इस घटना में 30 लोगों की मृत्यु हुई, जबकि 60 अन्य लोग घायल हो गए थे।
भाषा राजेंद्र अमित
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