अनुच्छेद 370 हटने से बहिष्करण और दोहरे मानदंड संस्थागत बने : पीडीपी विधायक

अनुच्छेद 370 हटने से बहिष्करण और दोहरे मानदंड संस्थागत बने : पीडीपी विधायक

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  • Publish Date - November 27, 2024 / 07:50 PM IST,
    Updated On - November 27, 2024 / 07:50 PM IST

श्रीनगर, 27 नवंबर (भाषा) पुलवामा से पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के विधायक वहीद पारा ने बुधवार को दावा किया कि अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद बहिष्करण और दोहरे मानदंड संस्थागत बन गए हैं।

पारा जम्मू कश्मीर व्यावसायिक प्रवेश परीक्षा बोर्ड द्वारा जारी अधिसूचना पर टिप्पणी कर रहे थे। इसमें अल्पसंख्यक हिंदू और एनआरआई कोटे के तहत जम्मू के एक निजी मेडिकल कॉलेज में एमडी/एमएस पाठ्यक्रमों में प्रवेश लेने के इच्छुक उम्मीदवारों से अपने दस्तावेज जमा करने को कहा गया था।

उन्होंने कहा, ‘‘अनुच्छेद 370 के निरस्तीकरण को कश्मीरियों के लिए समानता की दिशा में एक कदम बताया गया था। इसके बजाय इसने बहिष्करण और दोहरे मानदंडों को संस्थागत बना दिया है।’’

पारा ने कहा कि यह समानता नहीं है।

विधानसभा में पीडीपी विधायक दल के नेता पारा ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘यह सुनियोजित भेदभाव है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘जम्मू कश्मीर में अल्पसंख्यक दर्जे को लेकर घोर पाखंड है। जम्मू कश्मीर में ‘अल्पसंख्यक दर्जे’ का प्रयोग स्पष्ट रूप से दोहरे मानदंड को उजागर करता है जो आनुपातिक प्रतिनिधित्व और न्याय के सिद्धांतों को कमजोर करता है।’’

पीडीपी विधायक ने कहा कि यह उन्हीं समुदायों के खिलाफ असमानता को कायम रखता है जिनके उत्थान का दावा करता है।

भाषा

शुभम नेत्रपाल

नेत्रपाल