कोलकाता, पांच जुलाई (भाषा) पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के पुत्र और कांग्रेस के पूर्व सांसद अभिजीत मुखर्जी ने सोमवार को यहां तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) का दामन थाम लिया।
पार्टी सूत्रों ने कहा कि पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले की जंगीपुर सीट से दो बार सांसद रहे मुखर्जी की बीते कुछ सप्ताह से इस संबंध में तृणमूल नेतृत्व से बात चल रही थी। ‘ममता बनर्जी जिंदाबाद’ के नारों के बीच लोकसभा में तृणमूल के नेता सुदीप बंदोपाध्याय ने पार्टी में उनका स्वागत किया।
मुखर्जी ने कहा, “दीदी पश्चिम बंगाल में भाजपा को रोकने में सफल रहीं। वह देश में सबसे विश्वसनीय धर्मनिरपेक्ष नेता हैं जो सांप्रदायिक भाजपा से लड़कर उसे हरा सकती हैं। मैंने एक कांग्रेस को दूसरी में शामिल होने के लिये छोड़ा है। हमें पक्का भरोसा है कि भविष्य में हम पूरे भारत में भगवा खेमे को रोकेंगे।”
पार्टी में शामिल हुए नेता ने कहा कि वह विधानसभा चुनावों से पहले से ममता बनर्जी और उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी के संपर्क में थे, अगर वह चुनावों से पहले तृणमूल में शामिल होते तो यह आशय लगाया जाता कि उन्होंने किसी पद के लिये पाला बदल लिया।
मुखर्जी ने कहा, “मुझे किसी पद की लालसा नहीं है। मैं एक जमीनी कार्यकर्ता के तौर पर काम करता हूं, यह पार्टी पर है कि वह किस तरह मेरा उपयोग करती है। मेरे पास कांग्रेस में भी कोई पद नहीं था।”
तृणमूल महासचिव पार्थ चटर्जी ने कहा कि पार्टी को उम्मीद है कि अभिजीत मुखर्जी की राजनीतिक कुशाग्रता और दूरदर्शिता भविष्य में “भाजपा मुक्त भारत” सुनिश्चित करने में हमारी मदद करेगी।
चटर्जी ने कहा, “हम सांप्रदायिक, अलोकतांत्रिक और फासीवादी ताकतों के शिलाफ उनकी सेवाओं का उचित उपयोग करना चाहेंगे। वह प्रणब मुखर्जी के बेटे हैं जो कई मामलों में हमारे प्रेरणा स्रोत हैं। वह ऐसे राजनेता हैं जिनकी धर्मनिरपेक्ष और प्रगतिशील राजनीति में जड़ें काफी गहरी हैं।”
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प्रशांत माधव
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