आप को अपने ‘कुकर्मों’ के कारण दिल्ली विधानसभा चुनाव में शिकस्त मिलेगी : संदीप दीक्षित

आप को अपने ‘कुकर्मों’ के कारण दिल्ली विधानसभा चुनाव में शिकस्त मिलेगी : संदीप दीक्षित

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  • Publish Date - January 4, 2025 / 07:45 PM IST,
    Updated On - January 4, 2025 / 07:45 PM IST

(नितिन रावत)

नयी दिल्ली, चार जनवरी (भाषा) कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने कहा है कि आम आदमी पार्टी (आप) को अपने ‘‘कुकर्मों’’ के कारण आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ेगा।

चुनाव इस साल फरवरी में होने हैं। ‘आप’ ने सभी 70 सीट के लिए उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है जबकि कांग्रेस ने अब तक 48 उम्मीदवारों के नाम घोषित किए हैं।

दीक्षित ने ‘पीटीआई-भाषा’ के साथ एक साक्षात्कार में कहा कि उन्हें यह रेखांकित करने की जरूरत है कि शीला दीक्षित ने मुख्यमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान दिल्ली में कितना काम किया था।

संदीप दीक्षित को आगामी विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने नई दिल्ली निर्वाचन क्षेत्र से मैदान में उतारा है।

कांग्रेस के पास मुख्यमंत्री पद का चेहरा न होने के बारे में पूछे जाने पर दीक्षित ने कहा, ‘‘हम कभी भी मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित नहीं करते हैं। यहां तक ​​कि जब शीला दीक्षित पहली बार मुख्यमंत्री बनीं, तब भी यह स्पष्ट था कि अगर कांग्रेस जीतेगी तो वह मुख्यमंत्री बनेंगी, लेकिन हमने कभी भी मुख्यमंत्री पद के लिए उनके नाम की घोषणा नहीं की थी।’’

उन्होंने कहा कि ऐसा करना कांग्रेस की परंपरा नहीं रही है। उन्होंने कहा कि कई बार ऐसा होता है कि कोई बड़ा नेता होता है तो लोग मान लेते हैं कि वह मुख्यमंत्री बनेगा, लेकिन कांग्रेस की यह परंपरा नहीं है कि वह मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित करे।

चुनाव नतीजों के आकलन के बारे में दीक्षित ने कहा कि कांग्रेस बेहतर प्रदर्शन करेगी और आम आदमी पार्टी अपने ‘‘कुकर्मों’’ के कारण हार जाएगी।

जब उनसे पूछा गया कि यदि कांग्रेस को कुछ सीट (जैसे पांच या दस) ही मिलती हैं और ‘आप’ को बहुमत नहीं मिलता है तो क्या कांग्रेस ‘आप’ को फिर से समर्थन देगी, इसपर दीक्षित ने कहा, ‘‘आपको यह सवाल ‘आप’ से पूछना चाहिए क्योंकि उन्हें सात या आठ सीट मिलेंगी, हमें नहीं।’’

उन्होंने यह भी बताया कि पार्टी ने उन्हें नई दिल्ली निर्वाचन क्षेत्र से मैदान में उतारा है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं पूर्वी दिल्ली सीट से सांसद चुना गया था। पार्टी ने मुझसे कहा कि वह केजरीवाल के खिलाफ ऐसा उम्मीदवार उतारना चाहती है जिससे पार्टी की विश्वसनीयता और साख बढ़े।’’

दीक्षित ने कहा, ‘‘पार्टी ने मुझसे कहा कि आप इस सीट के लिए सर्वाधिक उपयुक्त उम्मीदवार हैं क्योंकि आप शीला दीक्षित के बेटे हैं। वह (शीला दीक्षित) विधानसभा में इस सीट का प्रतिनिधित्व करती थीं और लोग उनके कार्यकाल के दौरान किए गए कार्यों को याद कर रहे हैं।’’

उन्होंने कहा कि वह पिछले 10 वर्षों से ‘आप’ सरकार की आलोचना करते रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि आम आदमी पार्टी अपने दावे का 10 प्रतिशत भी काम नहीं करती है।

दीक्षित ने कहा, ‘‘मैंने निर्वाचन क्षेत्र में बहुत काम किया है और यहां पार्टी कार्यकर्ताओं को जानता हूं। इसलिए पार्टी ने सोचा कि मैं इस सीट के लिए उपयुक्त उम्मीदवार हूं। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि प्रतिद्वंद्वी आसान है या नहीं। मुझे लगता है कि पिछले 10 सालों से केजरीवाल ने एक अक्षम विधायक के रूप में काम किया है।’’

उन्होंने आरोप लगाया कि केजरीवाल अपने निर्वाचन क्षेत्र नहीं जाते और किसी से मिलते भी नहीं हैं।

उन्होंने दावा किया, ‘‘किसी भी कॉलोनी में चले जाइए, लोग आपको बता देंगे कि 80 प्रतिशत काम शीला दीक्षित के कार्यकाल में हुआ था।’’

दीक्षित ने दावा किया, ‘‘जो विधायक काम नहीं करता और जनता के बीच नहीं जाता, वह मजबूत उम्मीदवार नहीं हो सकता।’’

उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी की सरकार कुछ भी खास या अलग नहीं कर सकी। उन्होंने स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में ऐसा कुछ भी नहीं किया जिसे उल्लेखनीय या विशेष माना जा सके।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने 150 नये स्कूल खोले थे और ‘आप’ सरकार ने अब तक केवल 20 नये स्कूल ही खोले हैं।

दीक्षित ने कहा, ‘‘आम आदमी पार्टी की सरकार का कहना है कि उन्होंने 300 से 400 मोहल्ला क्लीनिक खोले हैं। लेकिन उनमें ऑपरेशन की कोई सुविधा नहीं है, उन क्लीनिकों में आपातकालीन चिकित्सा सुविधा नहीं है और वहां कई जांच भी नहीं की जाती है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘शीला दीक्षित के कार्यकाल में दिल्ली में 560 डिस्पेंसरी थीं। उन्होंने (आप सरकार ने) इसे घटाकर 250 या 300 कर दिया है। उन्होंने लगभग 250 से 300 डिस्पेंसरी बंद कर दीं और 300 मोहल्ला क्लीनिक खोल दिए, तो फिर उन्होंने क्या नया काम किया?’’

उन्होंने दावा किया कि शीला दीक्षित के कार्यकाल में 18 नए अस्पताल बनाए गए और उनके (आप) शासन में एक भी नया अस्पताल नहीं बना।

जब उनसे पूछा गया कि वह पहली बार वोट देने वाले या युवा मतदाताओं तक कैसे पहुंचेंगे, तो संदीप दीक्षित ने कहा, ‘‘हम बार-बार इस बात पर जोर दे रहे हैं कि यह बताना जरूरी है कि शीला दीक्षित के समय में कितना काम हुआ। मैं कई युवाओं से मिला हूं जो अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं और कह रहे हैं कि उन्हें ऐसी दिल्ली मिले जिसमें वे रह सकें।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए हमें उन्हें बताना होगा कि दिल्ली क्या थी, शीला दीक्षित ने क्या काम किया और वर्तमान में वह (केजरीवाल) इसे कहां ले गये हैं। यह हमारे चुनाव प्रचार अभियान का हिस्सा होगा।’’

भाषा देवेंद्र सुभाष

सुभाष