राशिफल। जीवन में तरक्की पाने में आपका भाग्य का साथ होना जरूरी है। ऐसा तभी संभव होगा जब आप आपने राशिफल के अनुसार अपने ईष्ट देव की पूजा करें। इसके अलावा उपाए करने से भी जीवन में आने वाली बाधाएं दूर हो जाती है। चलिए आपको बताते हैं आज आपका भाग्य क्या कहता है।
मेष राशि –
राशि से बारहवें व्यय भाव में गोचर करते हुए बृहस्पति का प्रभाव कई मायनों में बेहतरीन रहेगा। धर्म और अध्यात्म के प्रति रुचि बढ़ेगी। विदेश यात्रा अथवा विदेशी नागरिकता के लिए किया गया प्रयास भी सफल रहेगा। अत्यधिक खर्च के कारण आर्थिक तंगी का भी सामना करना पड़ सकता है। किसी महंगी वस्तु का क्रय करेंगे। जमीन जायदाद अथवा मकान वाहन में भी धन का निवेश करना चाह रहे हों तो अवसर अनुकूल रहेगा। गुप्त शत्रुओं से बचें और विवादित मामले बाहर ही सुलझाएं।
उपाय – भगवान शिव, भगवान बृहस्पति, केले के पेड़ और भगवान विष्णु की पूजा करें.
बृषभ राशि –
राशि से एकादश लाभ भाव में गोचर करते हुए बृहस्पति का प्रभाव आपके लिए किसी वरदान से कम नहीं है। आय के साधन तो बढ़ेंगे ही काफी दिनों का दिया गया धन भी वापस मिलेगा। उच्चाधिकारियों से सहयोग मिलेगा। परिवार के वरिष्ठ सदस्यों के प्रति जिम्मेदारियों का बखूबी निर्वहन करेंगे। विद्यार्थियों एवं प्रतियोगिता में बैठने वाले छात्रों के लिए भी समय बेहतरीन रहेगा। प्रेम संबंधी मामलों में प्रगाढ़ता आएगी। संतान संबंधी चिंता दूर होगी नवदंपत्ति के लिए संतान प्राप्ति एवं प्रादुर्भाव के योग।
उपाय – गुरु को प्रसन्न करने के लिए श्री रुद्रम, गुरु स्तोत्र का पाठ करें.
मिथुन राशि –
राशि से दशम कर्म भाव में गोचर करते हुए बृहस्पति आपके लिए पद और गरिमा की वृद्धि कराएंगे। सरकारी विभागों में प्रतीक्षित कार्य तो संपन्न होंगे ही किसी सरकारी टेंडर के लिए आवेदन करना हो तो वो भी अनुकूल रहेगा। नौकरी में स्थान परिवर्तन चाह रहे हों तो भी अवसर अनुकूल रहेगा। झगड़े विभाग तथा कोर्ट कचहरी से संबंधित मामलों में निर्णय आपके पक्ष में आने के संकेत। चुनाव से संबंधित कोई निर्णय लेना चाह रहे हों तो सफलता की संभावना सर्वाधिक रहेगी।
उपाय – गुरु बीज मंत्र ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरवे नम: का प्रतिदिन जाप करें।
कर्क राशि –
राशि से नवम भाग्य भाव में गोचर करते हुए बृहस्पति का प्रभाव आपके लिए किसी वरदान से कम नहीं है। भाग्योन्नति तो होगी ही कोई भी बड़े से बड़ा कार्य आरंभ करना हो अथवा किसी नए अनुबंध पर हस्ताक्षर करना हो तो वह भी आपके लिए सुपरिणाम दायक रहेगा। धर्म और अध्यात्म में रूचि बढ़ेगी। धार्मिक ट्रस्टों तथा सामाजिक कार्यों में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लेंगे और दान पुण्य भी करेंगे। विदेशी कंपनियों में सर्विस अथवा नागरिकता के लिए किया गया प्रयास भी सफल रहेगा।
उपाय – ॐ बृं बृहस्पते नम:। मंत्र जप की संख्या कम से कम 108 होनी चाहिए।
सिंह राशि –
राशि से अष्टम आयुभाव में गोचर करते हुए बृहस्पति का प्रभाव बहुत अच्छा नहीं कहा जा सकता। उतार-चढ़ाव की अधिकता रहेगी। स्वास्थ्य के प्रति भी सावधान रहना होगा। आपके अपने ही लोग षड्यंत्र करते रहेंगे किंतु इन सबको परास्त करते हुए आप कीर्ति पताका फहराने में सफल रहेंगे। विद्यार्थियों एवं प्रतियोगिता में बैठने वाले छात्रों को परीक्षा में अच्छे अंक लाने के लिए कठिन प्रयास करने होंगे। संतान संबंधी चिंता परेशान करेगी। प्रेम संबंधी मामलों में भी उदासीनता रहेगी।
उपाय – गुरुवार के दिन व्रत रखें और अधिक से अधिक लाभ पाने के लिए व्रत में किसी भी प्रकार के नमक का सेवन करने से परहेज करें।
कन्या राशि-
राशि से सप्तम दांपत्य भाव में गोचर करते हुए बृहस्पति आपको कई तरह के सुखद आश्चर्य का सामना करवाएंगे। परिवार में मांगलिक कार्यों का सुअवसर आएगा। विवाह संबंधी वार्ता सफल रहेगी। ससुराल पक्ष से भी सहयोग मिलेगा। इस अवधि के मध्य किसी भी तरह के साझा व्यापार करना चाह रहे हों तो उसके लिए भी बृहस्पति का प्रभाव अनुकूल रहेगा। केंद्र अथवा राज्य सरकार के विभागों में प्रतिक्षित कार्य संपन्न होंगे। सरकारी टेंडर के लिए भी आवेदन करना हो तो सफलता के योग।
उपाय- भगवान बृहस्पति को प्रसन्न करने के लिए पूजा और रुद्राभिषेक करें।
तुला राशि-
राशि से छठे शत्रु भाव में गोचर करते हुए बृहस्पति का प्रभाव कई तरह के उतार-चढ़ाव का सामना करवाएंगे। कार्य व्यापार की दृष्टि से तो बेहतर रहेगा किंतु, गुप्त शत्रुओं की अधिकता रहेगी। आपके अपने ही लोग नीचा दिखाने की कोशिश करेंगे यद्यपि वह सफल नहीं रहेंगे फिर भी आप सावधान रहें। स्वास्थ्य के प्रति चिंतनशील रहें। ननिहाल पक्ष से सुखद समाचार के योग। यात्रा देशाटन का लाभ मिलेगा। विदेशी कंपनियों में सर्विस अथवा नागरिकता के लिए किया गया प्रयास भी सफल रहेगा।
उपाय- माथे पर केसर/हल्दी का तिलक लगाएं, पीपल के पेड़ की पूजा करें, दोपहर या रात्रि के भोजन के समय जूते-चप्पल पहनने से परहेज करें।
बृश्चिक राशि –
राशि से पंचम विद्या भाव में गोचर करते हुए बृहस्पति का प्रभाव आपके लिए किसी वरदान से कम नहीं है कोई भी बड़े से बड़ा कार्य आरंभ करना हो अथवा किसी अनुबंध पर हस्ताक्षर करना हो,नौकरी में परिवर्तन करना हो तो भी हर तरह से सफलता ही मिलेगी। विद्यार्थियों एवं प्रतियोगिता में बैठने वाले छात्रों के लिए भी समय बेहद अनुकूल रहेगा। संतान संबंधी चिंता में कमी आएगी। नव दंपत्ति के लिए संतान प्राप्ति एवं प्रादुर्भाव के भी योग। सम्मान वृद्धि होगी,सामाजिक कद बढ़ेगा।
उपाय- अपनी उंगली पर या गले में लॉकेट की तरह कीमती पीला नीलम या अर्द्ध कीमती पीला पुखराज पहनें।
धनु राशि-
राशि से चतुर्थ सुख भाव में गोचर करते हुए गुरु कार्यक्षेत्र में कई तरह के अप्रत्याशित परिणामों का सामना करवाएंगे। मित्रों तथा संबंधियों से सुखद समाचार की प्राप्ति होगी। जमीन जायदाद से जुड़े मामले हल होंगे। मकान-वाहन का भी क्रय करना चाह रहे हों तो उस दृष्टि से भी ग्रह फल अनुकूल रहेगा। शैक्षणिक कार्यों में पूर्ण सफल रहेंगे। यद्यपि सफलताओं का सिलसिला तो अनवरत चलता रहेगा किन्तु,किसी न किसी कारण से पारिवारिक कलह एवं मानसिक अशांति का सामना करेंगे।
उपाय- आपको विष्णु सहस्रनाम स्तोत्र का पाठ करना चाहिए।
मकर राशि-
राशि से तृतीय पराक्रम भाव में गोचर करते हुए बृहस्पति आपमें अदम्य साहस और ऊर्जाशक्ति का भंडार भर देंगे। परिवार में छोटे भाइयों से सहयोग मिलेगा। आपके द्वारा लिए गए निर्णय और किए गए कार्यों की सराहना होगी। सामाजिक पद प्रतिष्ठा भी बढ़ेगी। स्वास्थ्य के प्रति चिंतनशील रहें। अपनी जुझारू प्रवृत्ति के बल पर विषम परिस्थितियों पर भी आसानी से नियंत्रण पा लेंगे। यात्रा देशाटन का लाभ मिलेगा। धर्म और अध्यात्म में रूचि बढ़ेगी। संतान संबंधी चिंता भी दूर होगी।
उपाय- पीले रंग का रूमाल हमेशा अपने पास रखने से भी बृहस्पति शांत होता है।
कुंभ राशि-
राशि से द्वितीय धन भाव में गोचर करते हुए बृहस्पति काफी दिनों से चले आ रहे आपके प्रतीक्षित संकल्प को पूर्ण करने में सहायक सिद्ध होंगे। विलासितापूर्ण तथा स्वर्ण-आभूषण जैसी वस्तुओं के खरीदने पर अधिक धन खर्च होगा। अपनी वाणी कुशलता के बलपर किसी भी परिस्थिति को आसानी से नियंत्रित कर लेंगे। परिवार में नए मेहमान के आगमन से माहौल खुशनुमा रहेगा। अचल संपत्ति प्राप्ति के योग। किसी भी तरह के विवादित मामले आपस में ही सुलझा लेना समझदारी रहेगी।
उपाय- किसी धार्मिक स्थान पर लगातार आठ दिनों तक हल्दी का दान करें।
मीन राशि –
अपनी ही राशि में गोचर करते हुए बृहस्पति ‘हंस योग’ का निर्माण करेंगे इसलिए यह वर्ष आपके लिए पूर्णरूप से वरदान है। अपनी कार्यकुशलता और ऊर्जाशक्ति का सदुपयोग करते हुए बड़े से बड़ा संकल्प लेने से पीछे न हटें। नया कार्य भी आरंभ करना हो तो निर्णय लेने में विलंब न करें सफलता आपकी प्रतीक्षा में है। सामाजिक प्रतिष्ठा बढ़ेगी। चुनाव संबंधी निर्णय लेना हो तो उसमें भी पूर्ण सफल रहेंगे। प्रेम संबंधी मामलों में प्रगाढ़ता आएगी। संतान संबंधी चिंता भी दूर होगी। संतान प्राप्ति के भी योग।
उपाय- मांस और शराब से परहेज करना भी कुंडली में कमजोर गुरु के हानिकारक प्रभावों को कम करने में मदद करता है।