खूब रोये जगद्गगुरु रामभद्राचार्य जी, 40 सालों बाद किये ठाकुर जी के दर्शन तो लिपट गये मूर्ति से

उन्होंने संत प्रेमनिधि और मशालची बालक की कलाकृति बनाने वाली वैष्णवी को 5100 रुपये भेंट किए। प्रभु को चढ़ावा और फल अर्पित कर सुबह 7:30 बजे लौट गए।

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  • Publish Date - April 10, 2023 / 05:27 PM IST,
    Updated On - April 10, 2023 / 05:27 PM IST

Aagra mein royen jagatguru rambhdracharya: नाई की मंडी स्थित पुष्टिमार्गीय मंदिर गोबिंद जी महाराज श्याम बिहारी के मंदिर में 4 दशकों के बाद भगवान को सामने पाकर तुलसी पीठाधीश्वर जगद्गगुरु रामभद्राचार्य बेहद भावुक हो उठे। बहते आसुंओ के साथ उन्होंने मूर्ती को सहलाया, उसे निहारा, फिर उससे लिपटकर खूब रोए। उन्होंने मंदिर में मंगल आरती भी की। जगदगुरु रामभद्राचार्य अपने सैकड़ो भक्तो के साथ आज सुबह6:00 बजे मंदिर पहुंचे थे। उन्होंने प्रभु चरणों में फूल चढ़ाये। ठाकुर श्याम बिहारी की मूर्ति स्पर्श करने की इच्छा जताई क्योंकि पुष्टिमार्गीय मंदिर में अस्पर्श सिद्धांत लागू है।

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Aagra mein royen jagatguru rambhdracharya: जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने ठाकुर जी के श्रीविग्रह को जैसे ही स्पर्श किया, उनकी अश्रुधारा फूट पड़ी। उलाहना दिया कि प्रभु, 40 वर्ष बाद आपने दर्शन दिए, अपने भक्त को इतने दिनों बाद याद किया। उन्होंने श्रीविग्रह का आलिंगन किया। प्रभु के लिए यह भाव देखकर श्रद्धालु भावविह्वल हो गए। जगद्गुरु के समक्ष दिनेश पचौरी ने करुणा पच्चीसी का पाठ किया, जो संत प्रेमनिधि द्वारा हस्तलिखित है। उन्होंने संत प्रेमनिधि और मशालची बालक की कलाकृति बनाने वाली वैष्णवी को 5100 रुपये भेंट किए। प्रभु को चढ़ावा और फल अर्पित कर सुबह 7:30 बजे लौट गए।

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