Publish Date - October 8, 2023 / 04:15 PM IST,
Updated On - October 8, 2023 / 04:19 PM IST
Aachar Sanhita Rules: भोपाल। मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव को लेकर निर्वाचन आयोग की तैयारियां अंतिम चरण में है। जिसको लेकर राजनीतिक पार्टियों में उथल-पुथल का दौर जारी है।आगामी दिनों में पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान भी एक दो दिन में हो जाएगा। ऐसा माना जा रहा है कि मध्य प्रदेश सहित राजस्थान छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम में होने वाले चुनाव की तारीखों का ऐलान पीएम मोदी के दौरे के तुरंत बाद आयोग घोषणा कर दी जाएगी।तारीखों का ऐलान होने के बाद इन सभी राज्यों में आचार संहिता लागू कर दी जाएगी। जिसके चलते इन राज्यों में प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और मंत्री न तो कोई घोषणा कर पाएंगे,और न ही शिलान्यास, लोकार्पण या भूमिपूजन के कार्यक्रम होंगे।
आपको बता दें कि आचार संहिता स्वतंत्र और निष्पक्ष इलेक्शन कराने के लिए बेहद जरुरी है। इसलिए इनके नियमों का सरकार, नेता और राजनीतिक दलों को पालन करना जरुरी होता है। बता दें कि मध्य प्रदेश में बुधवार को मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन हो चुका है। क्योंकि मध्य प्रदेश विधानसभा का कार्यकाल 6 जनवरी 2024 को खत्म हो जाएगा। छत्तीसगढ़ विधानसभा का 3 जनवरी 2024 को, राजस्थान का 14 जनवरी 2024, तेलंगाना का 16 जनवरी 2024 और मिजोरम में 17 दिसंबर 2023 तक। इसी कारण नई सरकार का गठन होना जरूरी है। इसी को देखते हुए अंदेशा लगाया जा रहा है कि निर्वाचन आयोग अक्टूबर के पहले हफ्ते में चुनाव की तारीखों का ऐलान करेगा। मतदान नवंबर के दूसरे, तीसरे और चौथे हफ्ते में हो सकते हैं।
आदर्श आचार संहिता क्या है? – What is aachar sahita
देश में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए चुनाव आयोग कुछ नियम बनाता है। चुनाव आयोग के इन्हीं नियमों को आचार संहिता कहते हैं। लोकसभा/विधानसभा चुनाव के दौरान इन नियमों का पालन करना सरकार, नेता और राजनीतिक दलों की जिम्मेदारी होती है। यह आचार संहिता चुनाव प्रक्रिया के पूरी हो जाने तक लागू रहती है।बता दें कि चुनाव की तारीख की घोषणा के साथ ही आचार संहिता जिस जगह चुनाव होना है उधर लगाई जाती है जोकि वोटों की गिनती होने तक जारी रहती है।
कब से लागू होती है आचार संहिता? – kab lagti hai aachar sanhita
देश में जब भी चुनाव का दौर आता है तब चुनाव तारीखों के ऐलान के बाद से ही मॉडल कोड ऑफ़ कंडक्ट यानी आचार संहिता लागू हो जाती है आचार संहिता लागू हो जाती है और इलेक्शन प्रक्रिया के खत्म होने तक लागू रहती है।
संविधान में कहां है प्रावधान?
भारत के संविधान के अनुच्छेद 324 के अधीन संसद और राज्य विधान मंडलों के लिए स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव के लिए चुनाव आयोग सत्तारूढ़ दलों और उम्मीदवारों द्वारा इसका अनुपालन सुनिश्चित करता है। यह भी सुनिश्चित किया जाता है कि चुनाव के दौरान सरकारी तंत्र का दुरुपयोग न हो।
आचार संहिता के मुख्य नियम? – aachar sanhita niyam
1) चुनाव प्रक्रिया से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े हुए सभी अधिकारियों के ट्रांसफर पर रोक रहती है। यदि किसी अधिकारी का ट्रांसफर जरूरी हो तो इसके लिए चुनाव आयोग की अनुमति लेना अनिवार्य होता है।
2) मंत्री अपने आधिकारिक दौरे को चुनाव प्रचार कार्य में शामिल नहीं कर सकेंगे और न चुनाव प्रचार कार्य में सरकारी तंत्र का प्रयोग करेंगे।
3) किसी भी सरकारी वाहन का उपयोग किसी भी दल के उम्मीदवार को फायदा पहुंचाने के लिए उपयोग नहीं होता।
4) कोई भी केन्द्र या राज्य सरकार का मंत्री आधिकारिक चर्चा के लिए निर्वाचन कार्य में लगे अधिकारी को नहीं बुला सकेगा।
5) किसी भी मंत्री को चुनाव के दौरान निजी या आधिकारिक दौरे पर पायलट कार या किसी रंग की बीकन लाइट के उपयोग की अनुमति नहीं होगी।
6) चुनाव के दौरान योजना के तहत निधि MP-MLA फंड से जारी नहीं होगी।
7) सरकारी राशि का इस्तेमाल किसी विशेष राजनीतिक दल या उम्मीदवार को फायदा पहुंचाने के लिए नहीं किया जाता।
8) सरकारी विमान या सरकारी बंगले का उपयोग चुनाव प्रचार के लिए नहीं किया जा सकता।
9) सरकारी घोषणा, लोकार्पण और शिलान्यास पर रोक लग जाती है। कोई भी नेता चुनावी रैली में धर्म या जाति के नाम पर वोट नहीं मांग सकता।
10) विमान, वाहनों इत्यादि सहित कोई भी सरकारी वाहन किसी दल या अभ्यर्थी के हितों को लाभ पहुंचाने के लिए प्रयोग नहीं किया जाएगा।
11) किसी भी चुनावी रैली में धर्म या जाति के नाम पर वोट नहीं मांगे जाएंगे।