भाजपा नेताओं के एक गुट ने पार्टी आलाकमान से यतनाल के निष्कासन पर पुनर्विचार का अनुरोध किया

भाजपा नेताओं के एक गुट ने पार्टी आलाकमान से यतनाल के निष्कासन पर पुनर्विचार का अनुरोध किया

भाजपा नेताओं के एक गुट ने पार्टी आलाकमान से यतनाल के निष्कासन पर पुनर्विचार का अनुरोध किया
Modified Date: March 28, 2025 / 08:06 pm IST
Published Date: March 28, 2025 8:06 pm IST

बेंगलुरु, 28 मार्च (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेताओं के एक गुट ने शुक्रवार को यहां बैठक की और पार्टी आलाकमान से बागी विधायक बसनगौड़ा पाटिल यतनाल के निष्कासन पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया।

नेताओं ने दावे के साथ कहा कि वे एकजुट हैं और पार्टी से अलग होने की उनकी कोई योजना नहीं है। उन्होंने कहा कि वे अपनी ओर से किसी भी गलती को सुधारने के लिए तैयार हैं, लेकिन वे भाजपा की कर्नाटक इकाई में बदलाव के लिए लड़ाई जारी रखेंगे, जिसमें राज्य इकाई के अध्यक्ष बी. वाई. विजयेंद्र को बदलना शामिल है।

यतनाल के अलावा, विधायक रमेश जारकीहोली और बी. पी. हरीश, पूर्व केंद्रीय मंत्री जी. एम. सिद्धेश्वर और पूर्व विधायक कुमार बंगारप्पा भी बैठक में शामिल हुए।

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भाजपा ने बुधवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री यतनाल को पार्टी अनुशासन का बार-बार उल्लंघन करने के कारण पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से छह साल के लिए निष्कासित कर दिया।

बंगरप्पा ने कहा, ‘‘यतनाल को छह साल के लिए पार्टी से निकाले जाने से कर्नाटक के हिंदू संगठनों, उनके राजनीतिक प्रशंसकों और खास तौर पर पार्टी कार्यकर्ताओं को दुख पहुंचा है। हम यह स्पष्ट कर रहे हैं कि हम हाईकमान के फैसले को चुनौती नहीं दे रहे हैं या उसका विरोध नहीं कर रहे हैं।’’

बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘यतनाल के निष्कासन के संबंध में हम आलाकमान से विनम्रतापूर्वक इस पर पुनर्विचार करने का अनुरोध करते हैं। इस संबंध में न केवल पंचमसाली लिंगायत, बल्कि समग्र रूप से वीरशैव लिंगायत, हिंदू संगठन और भाजपा कार्यकर्ताओं समेत विभिन्न समुदायों की ओर से मांग की गई है।’’

यतनाल पंचमसाली लिंगायत समुदाय से आते हैं।

भाजपा में पिछले कुछ समय से सार्वजनिक रूप से गुटबाजी सामने आ रही थी, जिसमें बीजापुर शहर के विधायक यतनाल के नेतृत्व में एक धड़ा विजयेंद्र को अध्यक्ष पद से हटाने की मांग कर रहा था।

हिंदुत्व के प्रबल समर्थक माने जाने वाले 61 वर्षीय यतनाल को 15 साल में पार्टी से तीसरी बार निकाला गया है, इससे पहले 2010 और 2015 में भी उन्हें पार्टी से निकाला गया था।

भाषा यासिर संतोष

संतोष


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