इराक के एक नौ महीने के बच्चे को दिल्ली के एक अस्पताल में लीवर प्रत्यारोपण के बाद नया जीवन मिला

इराक के एक नौ महीने के बच्चे को दिल्ली के एक अस्पताल में लीवर प्रत्यारोपण के बाद नया जीवन मिला

  •  
  • Publish Date - February 7, 2021 / 02:34 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:35 PM IST

नयी दिल्ली, सात फरवरी (भाषा) इराक के एक नौ महीने के बच्चे को दिल्ली के एक अस्पताल में लीवर प्रत्यारोपण के बाद नया जीवन मिला।

एक वर्ष से कम आयु के बच्चों में इस तरह के प्रत्यारोपण को जोखिम भरा माना जाता है। हालांकि, नयी दिल्ली के मणिपाल अस्पताल के डॉक्टरों ने चुनौती स्वीकारी और तीन जनवरी को अली हमाद की नौ घंटे लंबी सर्जरी की।

अस्पताल ने कहा कि हमाद की मां ने अपने बेटे की जान बचाने के लिए अपने लीवर का एक हिस्सा दे दिया, जो तीन बच्चों के बाद पैदा हुआ था जिनकी शायद इसी तरह की बीमारी से मौत हो गई थी जिनका समय पर इलाज नहीं किया जा सका था।

हमाद को 26 जनवरी को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।

लीवर प्रत्यारोपण और हेपटो-पैनक्रियाटिक-बिलियरी सर्जरी विभाग के प्रमुख डॉ. शैलेन्द्र लालवानी के अनुसार, लीवर में रक्त की आपूर्ति नहीं होना किसी भी लीवर प्रत्यारोपण करने वाली टीम के लिए एक बड़ी चुनौती है क्योंकि प्रत्यारोपण वाले बाल रोगियों में नाड़ी संबंधी जटिलताएँ अधिक होती हैं।

उन्होंने कहा, ‘तीन जनवरी को बच्चे का प्रत्यारोपण किया गया। यकृत धमनी में कोई प्रवाह नहीं था। हमने लीवर में रक्त का प्रवाह देने के लिए नस ग्राफ्ट लगाया। सर्जरी के बाद बच्चे को वेंटिलेटर पर आईसीयू में स्थानांतरित कर दिया गया।’

डॉक्टर ने कहा, ‘‘हमाद को अगली सुबह वेंटिलेटर से हटा दिया गया और अगले कुछ दिनों में, धीरे-धीरे उसे मुँह में खिलाना भी शुरू कर दिया। अंतत: सर्जरी के 20 दिनों के बाद उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।’’

अस्पताल में कंसल्टेंट पैडियाट्रिक गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट और हेपेटोलॉजिस्ट डॉ. सुफला सक्सेना ने कहा, ‘‘ऐसे मामलों में समय पर उपचार​​ बहुत महत्वपूर्ण है और हमाद सही समय पर अस्पताल आ गया। यह मामला किसी वास्तविक चमत्कार से कम नहीं है।’’

भाषा कृष्ण

कृष्ण उमा

उमा