कर्तव्य पथ पर 5,000 कलाकारों के समूह ने अपनी नृत्य प्रस्तुति से किया सभी को मंत्रमुग्ध

कर्तव्य पथ पर 5,000 कलाकारों के समूह ने अपनी नृत्य प्रस्तुति से किया सभी को मंत्रमुग्ध

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  • Publish Date - January 26, 2025 / 08:49 PM IST,
    Updated On - January 26, 2025 / 08:49 PM IST

नयी दिल्ली, 26 जनवरी (भाषा) गणतंत्र दिवस समारोह के हिस्से के रूप में रविवार को देश के विभिन्न भागों से आए 5,000 कलाकारों के एक समूह ने कर्तव्य पथ पर 45 विभिन्न नृत्य शैलियों का प्रदर्शन किया और केवल उनके कठोर अभ्यास ने ही नहीं, बल्कि उनके बीच सांस्कृतिक बंधन ने इसके लिए उन्हें प्रेरित किया।

संस्कृति मंत्रालय द्वारा तैयार की गई लगभग 11 मिनट की ‘जयति जय मम: भारतम’ प्रस्तुति अपनी विशालता और दर्शकों को मिले अनुभव के कारण परेड में मुख्य आकर्षण में से एक थी।

नदियों की विभिन्न धाराओं की तरह अपने रंग, वेशभूषा और संस्कृति के साथ अलग-अलग राज्यों से आए विभिन्न समूह ‘भारत के रंग’ में रंगे दिखे।

इस प्रस्तुति में दृश्य प्रभाव और समन्वय इतना अच्छा था कि समारोह के एक आधिकारिक उद्घोषक ने यहां तक ​​​​टिप्पणी की कि यह कर्तव्य पथ पर ‘गणतंत्र’ के ‘कुंभ’ की तरह लग रहा है, जो विभिन्न संस्कृतियों का ‘संगम’ है।

परेड समाप्त होने के बाद भी, कई लोगों ने क्षेत्र की सांस्कृतिक विरासत को दर्शा रहे जीवंत वेशभूषा में सजे कलाकारों के साथ फोटो खिंचवाने या सेल्फी लेने की कोशिश की।

हिमाचल प्रदेश से लेकर आंध्र प्रदेश और मणिपुर से लेकर गुजरात तक, एक लघु भारत कर्त्तव्य पथ पर उतर आया जिसमें पारंपरिक वेशभूषा पहने कलाकारों ने एक बड़ी टीम की तरह प्रदर्शन किया।

जिन नृत्य शैलियों का प्रदर्शन किया गया, उनमें झिझिया (बिहार), मयूर रास (उत्तर प्रदेश), डांगी (गुजरात), लम्बाडी (तेलंगाना), काबुई (मणिपुर) और चौ (पश्चिम बंगाल) शामिल थे।

मणिपुर के दल के 25 वर्षीय अल्बर्टसाना राजकुमार और 19 वर्षीय लैंगलेन ने बताया कि कैसे उन्होंने एक साथ कदम मिलाने के लिए महीने भर का अभ्यास किया और सांस्कृतिक कड़ियों को जोड़ा।

राजकुमार ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘प्रस्तुति के बाद हमें बहुत अच्छा लगा… हमें लगता है कि हम सभी ने अच्छा प्रदर्शन किया। समारोह के बाद लोगों ने जो गर्मजोशी दिखाई, उससे पता चलता है कि हमने कुछ अच्छा किया।’’

भाषा वैभव नरेश

नरेश