दिल्ली की एक अदालत ने कुकर्म के मामले में एक व्यक्ति को 20 साल कठोर कारावास की सजा सुनाई

दिल्ली की एक अदालत ने कुकर्म के मामले में एक व्यक्ति को 20 साल कठोर कारावास की सजा सुनाई

  •  
  • Publish Date - June 24, 2024 / 08:15 PM IST,
    Updated On - June 24, 2024 / 08:15 PM IST

नयी दिल्ली, 24 जून (भाषा) दिल्ली की एक अदालत ने दिसंबर 2020 में एक नाबालिग के साथ बार-बार कुकर्म करने के मामले में एक व्यक्ति को 20 साल कठोर कारावास की सजा सुनाते हुए कहा कि आपराधिक न्याय प्रणाली का उद्देश्य न केवल अपराधी को दंडित करना है, बल्कि पीड़ित का पुनर्वास करना भी है।

अदालत ने पीड़ित लड़के को 20 लाख रुपये का मुआवजा भी देने का आदेश दिया। अदालत ने कहा कि पीड़ित को उम्रभर के लिए शारीरिक और मानसिक आघात पहुंचा है।

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश प्रीति परेवा 38 वर्षीय आरोपी के खिलाफ मामले की सुनवाई कर रही थीं। आरोपी व्यक्ति को पिछले माह यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम की धारा छह (गंभीर यौन उत्पीड़न) के अलावा भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की दुराचार अपराध, आपराधिक धमकी और स्वेच्छा से चोट पहुंचाने की धाराओं में दोषी ठहराया गया था।

आरोपी व्यक्ति को सूचना एवं प्रौद्योगिकी (आईटी) अधिनियम की धारा 66 ई (गोपनीयता के उल्लंघन) के तहत भी दोषी ठहराया गया।

अदालत ने हाल में दिए अपने आदेश में कहा, ‘‘आपराधिक न्याय प्रणाली का उद्देश्य न केवल अपराधी को दंडित करना है बल्कि शारीरिक और मानसिक आघात झेलने वाले पीड़ित का पुनर्वास करना भी है।’’

आदेश में कहा गया, ‘‘अगर हम ऐसा करने में विफल रहते हैं तो हम पीड़ित के प्रति अपने कर्तव्यों का परित्याग कर रहे हैं। ’’

मामले के तथ्यों पर गौर करते हुए अदालत ने कहा कि दोषी ने पीड़ित के साथ कई बार ‘‘कुकर्म’’ किया, इसके अलावा नाबालिग की आपत्तिजनक वीडियो बना ली और उन्हें वायरल करने की धमकी दी।

अदालत ने दोषी को पॉक्सो अधिनियम की धारा छह के तहत 20 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाते हुए कहा कि उसने मामले के ‘‘संपूर्ण तथ्यों और हालात, विशेषकर पीड़ित लड़के की कम उम्र, अपराध की जघन्य प्रकृति, पीड़ित को पहुंचे शारीरिक और मानसिक आघात तथा दोषी की सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि और बेदाग छवि’’ पर गौर किया है।

बचाव पक्ष के अधिवक्ता के अनुसार दोषी एक दिहाड़ी मजदूर है जिसकी मासिक आय 7,000 रुपये है और उसके परिवार में बुजुर्ग माता-पिता, पत्नी और तीन बच्चे हैं।

अदालत ने दोषी को कुकर्म के लिए 10 वर्ष कठोर कारावास, आईटी अधिनियम के तहत दो वर्ष सश्रम कारावास, यौन उत्पीड़न और चोट पहुंचाने के लिए एक-एक वर्ष सश्रम कारावास तथा आपराधिक धमकी के लिए एक वर्ष साधारण कारावास की भी सजा सुनाई।

पीठ ने कहा कि ये सजाएं एक साथ चलेंगी।

भाषा खारी प्रशांत

प्रशांत