नईदिल्ली। मजदूरी संहिता विधेयक 2019 राज्यसभा में पास हो गया। बिल के पक्ष में 85 और विपक्ष में 8 वोट पड़े है। इस बिल के लागू होने के बाद पूरे देश में श्रमिकों का न्यूनतम वेतन और मजदूरी भुगतान में लैंगिक भेदभाव को समाप्त हो जाएगा। इस बिल में चार श्रम कानूनों को समायोजित कर एक कानून बनाने, भुगतान और बोनस संबंधी मामले निपटाने का प्रावधान है।
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उच्च सदन में बिल को चर्चा के लिए पेश करते हुए केंद्रीय मंत्री गंगवार ने कहा, हर श्रमिक को सम्माजनक जिंदगी जीने का अधिकार है। सरकार ने पिछली लोकसभा के दौरान प्रवर समिति की ओर से दी गईं 24 में से 17 सिफारिशों को बिल में शामिल किया है। उन्होंने बताया कि राज्यों के अधिकार सुरक्षित रहेंगे और केंद्र उसमें दखल नहीं देगा।
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श्रम मंत्री संतोष कुमार गंगवार (labour minister santosh kumar gangwar) ने कहा इसका लाभ देश के 50 करोड़ श्रमिकों को होगा। इस बिल को लोकसभा में 30 जुलाई को मंजूरी मिल चुकी है। एक त्रिपक्षीय समिति न्यूनतम वेतन तय करेगी जिसमें ट्रेड यूनियन, श्रमिक और राज्य सरकार के प्रतिनिधि शामिल रहेंगे। इस वेतन को पूरे देश में लागू किया जाएगा जो हर श्रमिक का अधिकार होगा। इसमें मासिक, साप्ताहिक और दैनिक आधार पर वेतन भुगतान के मामलों को भी निपटाने में मदद मिलेगी। बिल यह भी सुनिश्चित करेगा कि श्रमिकों में लैंगिक आधार पर कोई भेदभाव नहीं किया जाएगा। (minimum wage code bill 2019 details )