नयी दिल्ली, 11 दिसंबर (भाषा) सरकार ने महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए, ‘स्टैंड-अप इंडिया’ के तहत दस लाख रुपये से लेकर एक करोड़ रुपये तक के 84 प्रतिशत ऋण उन्हें उपलब्ध कराए हैं।
महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री सावित्री ठाकुर ने बुधवार को राज्यसभा को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।
उन्होंने ग्रामीण महिलाओं सहित देश में आधी आबादी की सुरक्षा, संरक्षा और सशक्तीकरण को सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता बताया। उन्होंने कहा ‘‘सरकार ने महिलाओं की शैक्षिक, सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक सशक्तीकरण के लिए जीवन-चक्र सातत्य के आधार पर उनकी जरूरतों को पूरा करने के लिए बहुआयामी दृष्टिकोण अपनाया है ताकि वे तेज गति और सतत राष्ट्रीय विकास में समान भागीदार बन सकें।’’
उन्होंने बताया कि महिलाओं के लिए प्रशिक्षण और प्रशिक्षुता दोनों के लिए अतिरिक्त बुनियादी ढाँचा बनाने पर जोर दिया गया है। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना और स्टैंड-अप इंडिया, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) जैसी योजनाएँ हैं जो महिलाओं को अपना उद्यम स्थापित करने में मदद करने के लिए शुरू की गई हैं।
ठाकुर ने बताया कि महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए, सरकार द्वारा स्टैंड-अप इंडिया के तहत दस लाख रुपये से लेकर एक करोड़ रुपये तक के 84 प्रतिशत ऋण महिलाओं को उपलब्ध कराए गए हैं।
महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री ने 2047 तक विकसित भारत या ‘विकसित भारत’ के लक्ष्य को साकार करने के लिए ‘महिला नेतृत्व वाले विकास’ को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि पिछले कुछ वर्षों में देश में महिलाओं के समग्र विकास और सशक्तिकरण के लिए कई पहल की गई हैं।
ठाकुर ने बताया कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम, 2005 (मनरेगा) में यह प्रावधान है कि इस योजना (मनरेगा) के तहत सृजित नौकरियों में से कम से कम एक तिहाई महिलाओं को दी जानी चाहिए।
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना – ग्रामीण (पीएमएवाई-जी) योजना महिलाओं के, घरों के स्वामित्व पर केंद्रित है और यह निर्णय लिया गया है कि घर का आवंटन, कुछ अपवादों के साथ, महिला के नाम पर या पति और पत्नी के संयुक्त नाम पर किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि ‘स्वच्छ भारत मिशन’ के तहत 11.60 करोड़ से अधिक शौचालयों का निर्माण, ‘उज्जवला योजना’ के तहत गरीबी रेखा से नीचे 10.30 करोड़ महिलाओं को स्वच्छ रसोई गैस कनेक्शन और ‘जल जीवन मिशन’ के तहत 15.10 करोड़ से अधिक ग्रामीण घरों को नल पेयजल कनेक्शन से जोड़ने से ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं सहित महिलाओं के जीवन में बदलाव आया है।
ठाकुर ने बताया कि कौशल विकास और व्यावसायिक प्रशिक्षण के माध्यम से महिलाओं की आर्थिक स्वतंत्रता सुनिश्चित करने के लिए, कौशल भारत मिशन भी शुरू किया गया है। उन्होंने बताया कि सरकार ने देश भर में प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत प्रधानमंत्री कौशल केंद्र भी स्थापित किए हैं।
भाषा मनीषा माधव
माधव
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