PM modi@8: आज मोदी सरकार के 8 साल पूरे हो गए हैं। मोदी सरकार ने इन 8 सालों में कई बड़े मजबूत फैसले लिए, जो सरकार की तस्वीर बदली दी। इससे केंद्र की बीजेपी सरकार जहां पहले से और मजबूत हुई। वहीं विदेशों में भी मोदी सरकार का डंका बजा। सरकार ने विपक्ष की आलोचना के साथ ही लोगों की तारीफ भी हासिल की।>>*IBC24 News Channel के WhatsApp ग्रुप से जुड़ने के लिए Click करें*<<
PM modi@8: पिछले हफ्ते भाजपा के राष्ट्रीय पदाधिकारियों को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि “इस महीने, एनडीए सरकार आठ साल पूरे करेगी। ये आठ साल संकल्पों और उपलब्धियों के रहे हैं। ये आठ साल गरीबों की सेवा, सुशासन और कल्याण के लिए प्रतिबद्ध हैं।” पिछले आठ वर्षों में, नरेंद्र मोदी सरकार ने वित्तीय, स्वास्थ्य देखभाल और सामाजिक सुरक्षा के मामले में समाज के विभिन्न वर्गों को सीधे लाभ पहुंचाने के लिए कई योजनाएं सफलतापूर्वक प्रदान की हैं।
आज हम आपको मोदी सरकार के 8 साल के 8 बड़े फैसलों के बारे में बता रहे हैं….
मोदी सरकार भले ही 2014 में आई हो लेकिन उसका सबसे बड़ा फैसला दो साल बाद 8 नवंबर 2016 को आया जब भारत सरकार ने सभी 500 और 1,000 रुपये के नोटों के विमुद्रीकरण यानी डीमोनेटाइजेशन की घोषणा की। सरकार के इस फैसले को नोटबंदी कहा गया। सरकार ने नोटबंदी किए गए बैंकनोटों के बदले में ₹500 और ₹2,000 के नए नोट जारी करने की घोषणा की थी। नोटबंदी के बाद कई महीनों तक देश में लोग अपने पुराने नोट बदलवाने के लिए अफतार-तफरी के माहौल में बैंकों में कतार लगाकर खड़े दिखे। लोगों को पुराने नोट जमा करने और नए नोट हासिल करने के लिए बैंकों में लंबी लाइनें लगानी पड़ीं।
29 सितंबर 2016 को, भारत ने घोषणा की कि उसने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में नियंत्रण रेखा के पार आतंकवादी लॉन्च पैड को निशाना बनाकर उनके खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक की, और “बड़ी संख्या में आतंकियों का सफाया” किया। पाकिस्तान ने भारत के दावे को खारिज कर दिया। भारत ने उरी हमले का बदला लेने के लिए सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया था। जम्मू कश्मीर के उरी आतंकी हमले में 18 जवान शहीद हो गए थे। इस हमले के 10 दिनों के भीरत भारत ने पाकिस्तान में सर्जिकल स्ट्राइक की थी। इस सर्जिकल स्ट्राइक में आतंकवादियों और ‘उनकी रक्षा करने वाले’ भारी संख्या में हताहत हुए थे। सर्जिकल स्ट्राइक ने भारत के जवाब देने के तरीके का रुख बदल दिया।
मोदी सरकार के लिए जीएसटी कानून पास कराना काफी चुनौतीपूर्ण रहा था। हालांकि यह इस सरकार के सबसे बड़े फैसलों में से एक है। जीएसटी को गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स के नाम से जाना जाता है। यह एक अप्रत्यक्ष कर है जिसने भारत में कई अप्रत्यक्ष करों जैसे उत्पाद शुल्क, वैट, सेवा कर इत्यादि को रिप्लेस कर दिया है। माल और सेवा कर अधिनियम 29 मार्च 2017 को संसद में पारित किया गया था और 1 जुलाई 2017 को लागू हुआ था। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति पर लगाया जाता है। भारत में माल और सेवा कर कानून एक व्यापक, बहु-स्तरीय, गंतव्य-आधारित कर है जो प्रत्येक मूल्यवर्धन पर लगाया जाता है। जीएसटी पूरे देश के लिए एकल घरेलू अप्रत्यक्ष कर कानून है।
अपने दूसरे कार्यकाल में मोदी सरकार की सबसे महत्वपूर्ण राजनीतिक उपलब्धियों में से एक संसद में तीन तलाक विधेयक का पारित होना रहा है। यह एक ऐसा कानून है जिसने तत्काल तीन तलाक को एक आपराधिक अपराध बना दिया। तीन तलाक कानून, जिसे औपचारिक रूप से मुस्लिम महिला (विवाह पर अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम, 2019 कहा जाता है। इसे संसद में गहन बहस के बाद 1 अगस्त, 2019 को पारित किया गया था। मोदी सरकार का तीन तलाक पर कानून लाने का फैसला भी काफी विवादों में रहा। लेकिन एक बड़े वर्ग ने इसका समर्थन किया।
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मोदी सरकार ने 5 अगस्त 2019 को एक बड़ा कदम उठाते हुए जम्मू-कश्मीर के लिए विशेष रूप से बनाई गई धारा 370 तथा अनुच्छेद 35-ए के प्रावधानों को निरस्त कर दिया। यह मोदी सरकार के सबसे बड़े फैसलों में से एक है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू और कश्मीर को विशेष अधिकार प्राप्त थे। अनुच्छेद 370 के प्रावधानों के अनुसार, संसद को जम्मू-कश्मीर के बारे में रक्षा, विदेश मामले और संचार के विषय में कानून बनाने का अधिकार है लेकिन किसी अन्य विषय से संबंधित कानून को लागू करवाने के लिए केन्द्र को राज्य सरकार का अनुमोदन चाहिए होता था। कश्मीर से इस अनुच्छेद को हटाने के लिए भाजपा ने सरकार में आने से पहले अपने घोषणा पत्र में इसकी घोषणा की थी। सरकार बनने के बाद मोदी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल में जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद को हटाया व इसे केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दिया। इसके अलावा लद्दाख को एक अलग केंद्र शासित प्रदेश के रूप में घोषित किया। निर्मला सीतारमण ने संसद को बताया था कि जम्मू-कश्मीर में धारा 370 को हटाने के बाद, 890 केंद्रीय कानून वहां लागू हो गए हैं।
PM modi@8: मोदी सरकार द्वारा लिए गए फैसले में सीएए कानून लाने को लेकर एक बेहद लंबा विवाद चला। नागरिकता (संशोधन) कानून को केंद्र सरकार ने वर्ष 2019 में संसद में पास किया था। इस बिल का उद्येश्य पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए 6 समुदायों (हिन्दू, ईसाई, सिख, जैन, बौद्ध तथा पारसी) के शरणार्थियों को भारत की नागरिकता देना है। सीएए कानून राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद 10 जनवरी 2020 से लागू हो गया है। इस कानून को लेकर शाहीन बाग में एक लंबा विरोध प्रदर्शन चला था। दरअसल कानून के तहते केवल 6 शरणार्थी समुदायों को भारत की नागरिकता देने का प्रावधान है और इसमें मुस्लिम समुदाय को बाहर रखा गया है। इसके पीछे तर्क ये दिया गया है कि पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में मुस्लिम आबादी बहुसंख्यक है। हालांकि राष्ट्रव्यापी नागरिक रजिस्टर (NRC) और नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के विरोधी दावा करते हैं कि जो दस्तावेजों प्रदान करने में असमर्थ होंगे, उनकी नागरिकता रद्द कर दी जाएगी। सरकार इससे इनकार करने करती रही है।
पीएम किसान योजना 1 दिसंबर, 2018 से लागू हुई थी। इस योजना के तहत, जमीन रखने वाले सभी पात्र किसान प्रति वर्ष 6,000 रुपये की वित्तीय सहायता प्राप्त करने के योग्य हैं। राशि हर 4 महीने में 2,000 रुपये की 3 समान किस्तों में सीधे बैंक खाते में जमा की जाती है। कोरोना महामारी के बीच यह योजना किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है। योजना की खास बात यह है कि यह भारत सरकार से 100% वित्त पोषण के साथ एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना है। यानी इसमें राज्यों का कोई हस्तक्षेप नहीं है और पैसा सीधे किसानों के खाते में जाता है।
आयुष्मान भारत योजना को नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा अप्रैल 2018 में शुरू किया गया था। कोरोना महामारी के बीच मोदी सरकार की आयुष्मान योजना गरीबों के लिए वरदान साबित हुई है। केंद्र सरकार द्वारा आयुष्मान योजना के तहत 10 करोड़ गरीब परिवारों को 5 लाख रूपये का सालाना फ्री बीमा दिया जा रहा है। आयुष्मान कार्ड बनवाने के लिए आपको कॉमन सर्विस सेंटर पर जा कर आवेदन करना होता है। पात्रता चेक करने के बाद जरूरी दस्तावेज देने होते हैं। एक बार कार्ड बन जाने के बाद इस योजना के अंतर्गत प्रत्येक परिवार को ₹500000 का हेल्थ इंश्योरेंस प्रदान किया जाता है। आयुष्मान भारत योजना के तहत 1600 से ज्यादा रोगों का इलाज सूचिबद्ध अस्पतालों में दाखिल होने पर बिल्कुल निश्शुल्क किया जाता है।