नई दिल्ली। कोविड-19 संक्रमण के मामले कम होने के साथ ही सरकारी कर्मचारियों को राहत मिलने लगी है। केंद्र और राज्य सरकारें अपने-अपने कर्मचारियों के हित में कुछ न कुछ फैसले ले रहीं हैं। इसी क्रम में त्रिपुरा (Tripura) सरकार ने अपने कर्मचारियों को बड़ी खुशखबरी दी है। इस कदम से राज्य सरकार के कर्मचारियों को लंबे समय के बाद प्रमोशन मिलने का रास्ता साफ हो गया है। 7th Pay Commission: पेंशनरों के लिए राहतभरी खबर, सहूलियत के लिए केंद्र सरकार ने जारी किया यह निर्देश।
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त्रिपुरा सरकार ने अपने कर्मचारियों के लिये तदर्थ आधार पर पदोन्नति नीति 2021 (Promotion Policy 2021) घोषित कर दी है। राज्य के कानून मंत्री व कैबिनेट के प्रवक्ता रतन लाल नाथ (Ratan Lal Nath) ने सिविल सचिवालय में पत्रकारों को बताया कि राज्य के सरकारी कर्मचारियों की पदोन्नति (प्रमोशन) साल 2015 से रुकी हुई है क्योंकि इस संबंध में एक मामला उच्चतम न्यायालय में लंबित है।
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उन्होंने कहा, ”मंगलवार को मंत्रिमंडल की बैठक में निर्णय लिया गया क्योंकि कर्मचारी बिना प्रमोशन के काम करने से मनोबल खो रहे थे।” मंत्री ने कहा कि राज्य के कैबिनेट सचिव ने राज्य के विकास के हित में यह ऐतिहासिक फैसला लिया। उनके मुताबिक नयी नीति के अनुसार तदर्थ आधार पर सरकारी कर्मचारियों को प्रमोशन दी जाएगी। जबकि प्रमोशन एक बार के लिये होगी, हालांकि यदि कोई कर्मचारी हकदार होगा तो उसे विभिन्न पदोन्नति का लाभ दिया जाएगा।
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पदोन्नति नीति 2021 के बारे में अधिक जानकारी देते हुए कैबिनेट मंत्री ने कहा, ”यदि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति या सामान्य वर्ग के कर्मचारियों का प्रमोशन बाधित होता है, तो संबंधित विभाग वित्त विभाग की अनुमति के बिना आगे प्रमोशन कर सकता है।”
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राज्य के कानून मंत्री रतन लाल नाथ ने कहा कि उच्च पदों पर प्रमोशन से निचले पदों पर रोजगार के काफी अवसर पैदा होंगे। इसके साथ ही उन्होंने कहा, ”सभी कानूनी जटिलताओं से बचने के लिए नई प्रमोशन नीति तैयार करने से पहले महाधिवक्ता और कानून, वित्त, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति विभागों की राय ली गई थी।”
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उल्लेखनीय है कि त्रिपुरा में नया वेतनमान (7वां वेतन आयोग) 1 अक्टूबर 2018 को लागू किया गया था, लेकिन कोरोना वायरस संक्रमण के चलते उभरे वित्तीय बाधाओं के कारण कर्मचारियों को इसी साल फरवरी के आखिरी हफ्ते तक भत्ता नहीं दिया गया। राज्य सरकार ने 1 मार्च 2021 से अपने कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को तीन प्रतिशत की वृद्धि के साथ महंगाई भत्ता (डीए) और महंगाई राहत (डीआर) की पहली किस्त दी।
इन सरकारी कर्मियों के रिटायरमेंट को लेकर अहम सूचना 7th Pay Commission, 7th CPC (केरल)
7th Pay Commission, 7th CPC Latest News, Kerala Government Employees: केरल के वित्त मंत्री केएन बालगोपाल ने मंगलवार को राज्य सरकार के कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति की आयु बढ़ाने की किसी भी योजना से इनकार कर दिया है। बालगोपाल ने मीडिया से बातचीत में रिटायरमेंट की उम्र को लेकर लगाए जा रहे सभी कयासों पर तस्वीर साफ की है।
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उन्होंने कहा है कि यह राज्य की वित्तीय स्थिति को स्थिर करने का एक तरीका होता है, पर हमारी सेवानिवृत्ति की आयु बढ़ाने की कोई योजना नहीं है। केरल उन कुछ राज्यों में से एक है जहां सरकारी कर्मचारी 56 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्त होते हैं, जबकि अधिकांश राज्यों में सेवानिवृत्ति की आयु अधिक है और कुछ राज्यों में यह 60 वर्ष है।
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बीते कई साल से केरल में तमाम सरकारें इस पर विचार करती रही हैं, जबकि करीब 40 लाख बेरोजगार युवा नौकरी की प्रतीक्षा कर रहे हैं, पर किसी भी सरकार ने इस संबंध में कुछ नहीं किया है। राज्य सरकार में पांच लाख कर्मचारी और इतने ही पेंशनभोगी हैं। सरकार के राजस्व का एक बड़ा हिस्सा वेतन और पेंशन के भुगतान में जाता है।
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ओमन चांडी सरकार (2011-16) ने कर्मचारियों के लिए 56 वर्ष की उम्र को रिटायरमेंट की उम्र बनाने का फैसला किया था। इससे पहले, सेवानिवृत्ति की आयु 55 वर्ष थी। इस फैसले के साथ ही चांडी के कार्यकाल में यह भी फैसला लिया गया था कि अब से सभी नए सरकारी कर्मचारी 60 वर्ष की आयु में रिटायर होंगे कर्मचारियों को सिर्फ अंशदायी पेंशन मिलेगी न कि वैधानिक पेंशन योजना के तहत पेंशन जारी की जाएगी।