Rent-Free Accommodation 2023: कर्मचारियों के लिए बड़ी खबर, बढ़ गई सैलेरी! विभाग ने बदले नियम, जानें किसे मिलेगा फायदा

Rent-Free Accommodation 2023 कर्मचारियों के लिए महत्वपूर्ण खबर, विभाग ने बदले ये नियम, 1 सितंबर से होंगे लागू, बढ़ जाएगी टेक होम सैलरी

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  • Publish Date - August 29, 2023 / 05:41 PM IST,
    Updated On - August 29, 2023 / 05:41 PM IST

Rent-Free Accommodation 2023: नौकरीपेशा और निजी क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए महत्वपूर्ण खबर है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट द्वारा रेंट-फ्री अकोमोडेशन से जुड़े नियमों में 1 सितंबर से बदलाव होने जा रहा है।इससे अच्छा वेतन पाने वाले और नियोक्ता कंपनी की ओर से मिलने रेंट-फ्री होम में रहने वाले कर्मचारी अब और ज्यादा बचत कर सकेंगे ।

सैलरी के नए नियम सितंबर से होंगे लागू

Rent-Free Accommodation 2023: दरअसल, रक्षाबंधन से पहले इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने कंपनी की ओर से कर्मियों को दिए गए रेंट-फ्री होम का वैल्युएशन करने के लिए नियम में बदलाव किया है, इसके लिए सीबीडीटी ने अनुलाभ मूल्यांकन की सीमा कम कर दी है। इसका मतलब है कि अब सैलरी में कम टैक्स कटौती होगी, जिससे महीने में ज्यादा सैलरी मिलेगी। ये नियम 1 सितंबर 2023 से प्रभावी होंगे।

बढेगी टेक होम सैलरी

Rent-Free Accommodation 2023: आईटी के नए नियम के मुताबिक जहां कर्मंचारियों को नियोक्ता की ओर से अन-फर्निश्ड आवास दिया जाता है, और ऐसे आवास का मालिकाना हक खुद कंपनी के पास है, उसका वैल्यूएशन अब अलग तरीके से होगा।। इससे अच्छा वेतन पाने वाले और नियोक्ता कंपनी की ओर से मिलने रेंट फ्री आवास में रहने वाले कर्मी अब और ज्यादा बचत कर सकेंगे और वेतन के तौर पर वह ज्यादा नकदी ले सकेंगे।इन प्रावधानों में 2011 की जनगणना के आंकड़ों को शामिल किया गया है, जिसका उद्देश्य अनुलाभ मूल्य गणना को तर्कसंगत बनाना है।

कैसे होगा सैलरी कैलकुलेशन

Rent-Free Accommodation 2023: अधिसूचना के अनुसार, जहां केंद्र या राज्य सरकार के कर्मचारियों के अलावा अन्य कर्मचारियों को सिर्फ आवास (अनफर्निश्ड) प्रदान किया जाता है और ऐसा आवास नियोक्ता के स्वामित्व में है, तो मूल्यांकन होगा- 2011 की जनगणना के अनुसार 40 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में वेतन का 10 प्रतिशत (15 प्रतिशत से कम)। पहले यह नियम 2001 की जनगणना के अनुसार 25 लाख से अधिक आबादी के लिए था। वही 2011 की जनगणना के अनुसार 15 लाख से अधिक लेकिन 40 लाख से कम आबादी वाले शहरों में वेतन का 7.5 प्रतिशत (10 प्रतिशत से कम)। पहले यह 2001 की जनगणना के अनुसार 10 लाख से अधिक लेकिन 25 लाख से अधिक नहीं था।

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