नई दिल्ली: देश के सरकारी कर्मचारियों को मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले बजट में भी निराशा ही हाथ लगी है। कर्मचारियों के न्यूनतम वेतनमान की मांग को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कोई भी ऐसा ऐलान नहीं किया जिसे लेकर उन्हें खुशी हो। वहीं, दूसरी ओर 28-29 अगस्त को होने वाले रेलवे कर्मचारी संगठन के चुनाव के लिए सभी कर्मचारी संगठन कर्मचारियों के बीच न्यूनतम वेतन को बढ़ा कर 26000 करवाने का दावा कर रहे हैं।
नॉर्दन रेलवे मेन्य यूनियन के दिल्ली मंडल के महामंत्री अनूप शर्मा ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि 7 वें वेतन आयोग के तहत कर्मचारियों को न्यूनतम वेतन 26000 करने की मांग संठगनों के सामने प्रस्तूत की गई थी। वहीं, 7 वें वेतन आयोग के तहत न्यूनतम वेतन को 18000 रुपए रखा गया था। कर्मचारियों का न्यूनतम वेतनमान 26000 रूपए किया जाना चाहिए। यह मांग जायज है और आने वाले दिनों में इसी के लिए संघर्ष किया जाएगा।
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महामंत्री अनूप शर्मा ने आगे बताया कि इस बार संगठन कर्मचारियों के सामने माता पिता व परिवार के आश्रितों का वादा लेकर पहुंचेगी। हालांकि रेलवे अभी कर्मचारी के पिता के निधन के बाद मां को मेडिकल और पास की सुविधा प्रदान करती है। लेकिन कर्मचारी पर आश्रित उसके माता व पिता को मेडिकल व पास की सुविधा अनिवार्य तौर पर मिलनी चाहिए।
उन्होंने न्यू पेंशन स्किम को लेकर कहा कि इस बार संगठन का एक मुद्दा न्यू पेंशन स्किम का भी है। कर्मचारियों के हित में पुराने पेंशन स्किम को फिर से लागू किया जाना चाहिए। कर्मचारियों के सामने रोडमैप भी पेश किया जाएगा कि कैसे वे पुरानी पेंशन व्यवस्था को बहाल कराएंगे।.
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