नई दिल्ली । केंद्र में दोबारा सत्ता में आई मोदी सरकार से केंद्रीय कर्मचारियों को उम्मीदें बढ़ गईं थीं। सेंट्रल के कर्मचारियों आशावान थे कि इस बजट में सरकार उनके न्यूनतम वेतन को लेकर कोई बड़ा ऐलान करेगी, लेकिन केंद्र सरकार के बही- खाते में इसको लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की तरफ से कोई ऐलान नहीं किया गया है।
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इसके पहले संभावना जताई जा रही थी कि वित्त मंत्री केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों की मांगों को ध्यान में रखेंगी। बता दें कि सातवें वेतन आयोग ने मूल न्यूनतम वेतन में 18,000 रुपये की बढ़ोतरी की सिफारिश की थी। केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों की मांग थी कि फिटमेंट फैक्टर को बढ़ाया जाए और मूल न्यूनतम वेतन 26,000 रुपये तय किया जाए। हालांकि बही- खाता में इनमें से किसी पर भी फैसला नहीं लिया गया है।
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लोकसभा चुनाव से पहले केंद्रीय कर्मचारी कई बार अपने न्यूनतम वेतन में बढ़ोत्तरी को लेकर प्रदर्शन कर चुके हैं। केंद्रीय कर्मचारी 2019 लोकसभा चुनाव से पहले ही उम्मीद कर रहे थे कि सरकार उनके वेतन और भत्ते में बढ़ोत्तरी करेगा, लेकिन आचार संहिता लागू हो जाने की वजह से सरकार ने 7वें वेतनमान आयोग की सिफारिशों को लेकर कोई फैसला नहीं ले किया था।