7th pay commission नई दिल्ली। नए साल से पहले ही मोदी सरकार ने Central Public Sector Enterprises में काम कर रहे कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में बड़ी बढ़ोतरी का ऐलान किया है। उनके महंगाई भत्ते में 12 फीसद की बढ़ोतरी हुई है। यह बढ़ोतरी 1 जुलाई 2021 से लागू की गई है। इस बढ़ोतरी में वे कर्मचारी शामिल होंगे, जिन्हें केंद्रीय महंगाई भत्ते के पे स्केल के हिसाब से सैलरी मिल रही है।
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7th pay commission अंडर सेक्रेटरी सैमुअल हक के मुताबिक ये कर्मचारी 5वें वेतन आयोग के तहत सैलरी पा रहे हैं। इसमें वे सीपीएसई आएंगे, जिन्होंने अपने कर्मचारियों को मूल वेतन के साथ डीए के 50% के मर्जर का फायदा नहीं दिया है। उनके कर्मचारियों को देय डीए देय 406% की मौजूदा दर से बढ़ाकर 418 फीसद कर दिया गया है। यह बढ़ोतरी 1 जुलाई 2021 से लागू है।
हक के मुताबिक इसके अलावा वे सीपीएसई भी आएंगे, जिन्होंने बेसिक पे के साथ डीए के 50% के विलय के फायदे की अनुमति दी है। उनके कर्मचारियों को देय डीए 356 फीसद की मौजूदा दर से बढ़ाकर 368 फीसद किया जा रहा है। भारत सरकार के सभी प्रशासनिक मंत्रालयों/विभागों से अनुरोध किया गया है कि वे अपनी ओर से जरूरी कार्रवाई करें।
महंगाई भत्ते की गणना करने वाले एक्सपर्ट हरिशंकर तिवारी के मुताबिक केंद्र सरकार के अधीन कई ऐसे CPSE हैं, जहां 7वां वेतनमान लागू नहीं है। वहां महंगाई भत्ते का फीसद भी ज्यादा है। 7पे मैट्रिक्स के तहत जो सैलरी बनती है, उसमें बेसिक पे बढ़ाई गई थी। लेकिन 5वें वेतन आयोग और छठे वेतन आयोग में बेसिक कम है। DA का प्रतिशत ज्यादा है। ग्रॉस सैलरी की बात करें तो तीनों पे स्केल में ज्यादा फर्क नहीं है।