सूरत में 18 महीनों में 71 हीरा श्रमिकों ने आत्महत्या की, सरकार जरूरी कदम उठाए: कांग्रेस

सूरत में 18 महीनों में 71 हीरा श्रमिकों ने आत्महत्या की, सरकार जरूरी कदम उठाए: कांग्रेस

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  • Publish Date - November 5, 2024 / 03:28 PM IST,
    Updated On - November 5, 2024 / 03:28 PM IST

नयी दिल्ली, पांच नवंबर (भाषा) कांग्रेस ने गुजरात के सूरत में हीरा कारोबार से जुड़े श्रमिकों की कथित खुदकुशी का विषय मंगलवार को उठाया और कहा कि सरकार को इन श्रमिकों के लिए पंजीकरण और वित्तीय सहायता समेत सभी जरूरी फैसले करने चाहिए।

पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने दावा किया कि पिछले 18 महीनों में सूरत में काम करने वाले 71 हीरा श्रमिकों ने आत्महत्या की है।

रमेश ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘पिछले 18 महीनों में सूरत में कम से कम 71 हीरा श्रमिकों ने आत्महत्या कर ली। हीरा व्यापार के लिए दुनिया के सबसे बड़े केंद्रों में से एक के रूप में सूरत का लंबा इतिहास रहा है। ऐसा अनुमान है कि गुजरात में हीरा उद्योग में 25 लाख श्रमिक हैं। इनमें से 8-10 लाख श्रमिक सिर्फ़ सूरत में हैं।’’

उनके मुताबिक, प्रयोगशाला में निर्मित हीरों के आगमन ने दुनिया भर के हीरा उद्योगों पर कहर बरपाया है तथा बड़े पैमाने पर छंटनी (सिर्फ़ फरवरी और जून 2024 के बीच 15,000 कर्मचारियों की) और वेतन में कटौती के कारण सूरत बुरी तरह प्रभावित हुआ है।

रमेश ने कहा कि ऐसा होने की वजह से इस उद्योग में श्रमिकों के बीच बहुत बड़ा वित्तीय और मनोवैज्ञानिक संकट पैदा हो गया है।

कांग्रेस ने कहा, ‘‘ये हीरा श्रमिक स्थायी और पंजीकृत कर्मचारी नहीं हैं, इसलिए सरकार के पास उनके कल्याण के लिए कोई डेटा या विशिष्ट योजनाएं नहीं हैं। हमें इनके लिए बेहतर कदम उठाने चाहिए। इन श्रमिकों की पहचान करके इन्हें पंजीकृत करना चाहिए, इन्हें वित्तीय सहायता प्रदान करनी चाहिए, और इस उद्योग एवं इसके श्रमिकों को बाज़ार की अनिश्चितताओं से बचाना चाहिए।’’

भाषा हक हक मनीषा

मनीषा