हिमाचल प्रदेश। चंबा जनपद में बेहद ही दर्दनाक सड़क हादसे (Accident) की सूचना मिली है। तीसा थाना क्षेत्र में पुलिस जवानों से भरी एक बोलेरो जीप अनियंत्रित होकर खाई में लुढ़कने के बाद सियोल नदी में जा गिरी। इस हादसे में वाहन में सवार छह जवानों के मरने की खबर है। वहीं चार लोग घायल बताए जा रहे हैं। चंबा के एसपी अभिषेक यादव ने बताया कि शुक्रवार सुबह हुए इस दर्दनाक हादसे में वाहन में सवार छह लोग मारे गए हैं। मृतकों में चालक और पांच पुलिस कर्मी हैं। चार लोगों को रेस्क्यू कर अस्पताल में भर्ती किया गया है। वहीं, नदी के तेज बहाव में एक जवान लापता है। पुलिस व एनडीआरएफ की टीमें लापता जवान की तलाश में रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही हैं।
चंबा पुलिस के मुताबिक, हादसे का शिकार हुई बोलेरो जीप तीसा से बैरागढ़ की तरफ जा रही थी तभी रास्ते में तरवाई नामक स्थान पर संतुलन खोने से जीप खाई में लुढ़क गई और फिर नदी में जा गिरी। बोलेरो में हिमाचल की पुलिस बटालियन के नौ जवान और दो स्थानीय लोग सवार थे। हादसे का पता लगते ही तीसा पुलिस ने स्थानीय लोगों के साथ मिलकर राहत व बचाव कार्य शुरू किया। बोलेरो के लुढ़कने पर कुछ लोग छिटक कर बाहर आने से बाल-बाल बच गए। हालांकि वे गम्भीर रूप से चोटिल हुए हैं। तीसा पुलिस हादसे के कारणों की जांच कर रही है। मृतकों और घायलों की पहचान की जा रही है। रेस्क्यू ऑपरेशन में एनडीआरएफ की टीम ने भी सहयोग किया।
हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल और मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस दर्दनाक सड़क दुर्घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया है। राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल और मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने ईश्वर से दिवंगत आत्माओं को शांति के लिए प्रार्थना की है और शोकग्रस्त परिवारजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की है तथा घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की है। मुख्यमंत्री की ओर से जिला प्रशासन को घायलों को हरसंभव सहायता प्रदान करने के निर्देश जारी किए गए हैं।
इस बीच स्थानीय भाजपा विधायक हंसराज ने इस हादसे के लिए लोक निर्माण विभाग को जिम्मेदार ठहराते हुए विभाग के एक्सईएन के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की है। शिमला से जारी एक बयान में हंसराज ने कहा कि पहाड़ से पत्थर गिरने के कारण बोलेरो हादसे का शिकार हुई है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने सरकार से लगातार गुहार लगाकर इस रोड को बंद करवाया था, लेकिन सरकार ने इस रोड को फिर से खोल दिया था, इसकी जानकारी भी हमने सरकार को पहले ही दे दी थी, लेकिन सरकार इस पर मौन रही। पहाड़ लगातार गिर रहा था जनता देख रही थी पर सरकार ने कोई एक्शन नहीं लिया।