Unnao rape victim : नई दिल्ली। यूपी से निष्कासित भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर और पांच अन्य को सोमवार को उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता के साथ सड़क हादसा मामले में बरी कर दिया गया। दिल्ली की एक अदालत ने उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं पाया।
अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट रवींद्र कुमार पांडे ने आदेश में कहा, ‘पीड़िता या उसके सदस्यों को जान से मारने की धमकी देने की आपराधिक साजिश के संबंध में कुलदीप सिंह सेंगर को आरोपित करने के लिए कोई प्रथम दृष्टया सबूत नहीं है। उनके खिलाफ कोई आरोप नहीं लगाया जा सकता है।’
पढ़ें- प्रदेश को मिलेंगे 13 नए IAS और 11 IPS, अफसरों को प्रमोट करने की मिली हरी झंडी
सेंगर के अलावा उनके सहयोगी ज्ञानेंद्र सिंह, कोमल सिंह, अरुण सिंह, रिंकू सिंह और अवधेश सिंह को भी इस मामले में बरी कर दिया गया है। हालांकि, आरोपी आशीष कुमार पाल, विनोद मिश्रा, हरिपाल सिंह और नवीन सिंह पर आईपीसी की धारा 506 (2) के साथ-साथ आईपीसी की 34 के तहत आरोप लगाए गए थे।
पढ़ें- भारत ने पंजाब में तैनात किया S-400.. पाकिस्तान-चीन की बढ़ी बेचैनी.. परिंदा भी नहीं मार पाएगा पर
2019 में हुई थी दुर्घटना
मामला 28 जुलाई, 2019 को एक दुर्घटना से संबंधित है, जब एक ट्रक उस वाहन से टकरा गया था जिसमें दुष्कर्म पीड़िता, उसका वकील और दो रिश्तेदार रायबरेली जा रहे थे। दुष्कर्म पीड़िता और वकील को गंभीर चोटें आईं, जबकि दो अन्य की मौके पर ही मौत हो गई।
पढ़ें- पंचायत चुनावों से पहले 55 देसी पिस्तौल के साथ 11 कारतूस जब्त, 3 गिरफ्तार
उन्नाव दुष्कर्म केस में सजा काट रहे सेंगर
इससे पहले, उन्हें दिसंबर 2019 में उन्नाव दुष्कर्म मामले में दोषी ठहराया गया था और 25 लाख रुपये के जुर्माने के अलावा उन्हें जीवन भर कारावास की सजा सुनाई गई थी। उन्नाव की बांगरमऊ सीट से भाजपा के पूर्व विधायक सेंगर पर 2017 में राजनीतिक तूफान पैदा करने वाला दुष्कर्म का आरोप लगा था।
पढ़ें- Maruti Suzuki के बाद इन कंपनियों ने भी कीमत बढ़ाने का किया फैसला, नए साल में कार खरीदना होगा महंगा!
एआर रहमान के साथ नाम जुड़ने पर मोहिनी डे ने…
2 hours agoअगर पार्टियां पंथ को देश से ऊपर रखती हैं तो…
2 hours ago