धार, 13 जनवरी (भाषा) मध्यप्रदेश के धार जिले में प्रशासन ने सोमवार को 50 मास्टर प्रशिक्षकों को पीथमपुर में जलाये जाने के लिए लाये गये यूनियन कार्बाइड कारखाने के 337 टन अपशिष्ट के बारे में प्रशिक्षण देना शुरू किया।
प्रशिक्षण के बाद ये मास्टर प्रशिक्षक लोगों के बीच जागरूकता फैलायेंगे कि यह कचरा खतरनाक नहीं है।
पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र में इस अपशिष्ट निपटान के खिलाफ जनाक्रोश और दो लोगों के आत्मदाह के प्रयासों के बाद राज्य सरकार ‘बैकफुट’ पर आ गई है। इस क्षेत्र में इस महीने की शुरुआत में विरोध प्रदर्शन हुए थे।
धार के जिलाधिकारी प्रियांक मिश्रा ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘हम 50 से अधिक मास्टर प्रशिक्षक तैयार कर रहे हैं, जिनमें विज्ञान शिक्षक, प्रोफेसर और अधिकारी शामिल होंगे। उन्हें अपशिष्ट की सही स्थिति के बारे में बताया जाएगा जिसके बाद वे गलत सूचना और भ्रांतियों को दूर करने के लिए लोगों के बीच जायेंगे।’’
जबलपुर में मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय की मुख्य पीठ ने छह जनवरी को राज्य सरकार को यूनियन कार्बाइड फैक्टरी के अपशिष्ट का निपटान करने के लिए सुरक्षा दिशा-निर्देशों के अनुसार कार्रवाई करने के वास्ते छह सप्ताह का समय दिया।
अधिकारियों ने पीथमपुर में विरोध प्रदर्शनों के बाद लोगों तक सही सूचना पहुंचाने और अपशिष्ट निपटान के बारे में उनके डर को दूर करने के लिए उच्च न्यायालय से समय मांगा था।
मिश्रा ने कहा कि मास्टर प्रशिक्षक मंगलवार से अपना काम शुरू करेंगे तथा 50 और मास्टर प्रशिक्षक इसमें शामिल किए जाएंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘हम मास्टर प्रशिक्षकों को वीडियो और अन्य माध्यमों से प्रस्तुतिकरण देंगे।’’
भोपाल में अब बंद हो चुकी यूनियन कार्बाइड फैक्टरी से दो जनवरी को 12 सीलबंद कंटेनरों के माध्यम से अपशिष्ट को 250 किलोमीटर दूर पीथमपुर में निपटान स्थल पर ले जाया गया था। यहां तीन सेक्टरों में 700 फैक्टियां हैं।
कंटेनरों के पीथमपुर पहुंचने के बाद इस औद्योगिक शहर में प्रदर्शन शुरू हो गये थे। यह शहर धार जिला मुख्यालय से करीब 50 किलोमीटर दूर है।
आंदोलनकारियों ने दावा किया था कि इस निपटान से मानव और पर्यावरण को नुकसान होगा।
भोपाल में 1984 में दो और तीन दिसंबर की दरम्यानी रात में यूनियन कार्बाइड कीटनाशक कारखाने से अत्यधिक जहरीली मिथाइल आइसोसाइनेट गैस लीक हो गई थी। इस गैस के दुष्प्रभाव से कम से कम 5,479 लोगों की मौत हो गई और हजारों लोग गंभीर रूप से घायल हो गए तथा उन्हें दीर्घकालिक स्वास्थ्य समस्याएं हुईं।
तीन दिसंबर, 2024 को एक सुनवाई के दौरान, उच्च न्यायालय ने बंद पड़े यूनियन कार्बाइड कारखाने में कचरे का निपटान करने में विफल रहने के लिए अधिकारियों की खिंचाई की थी।
अदालत ने सरकार को चार सप्ताह के भीतर वहां से कचरे को हटाने और परिवहन करने के लिए कहा था और निर्देश पर कार्रवाई करने में विफल रहने पर अवमानना कार्यवाही की चेतावनी दी थी।
भाषा
राजकुमार मनीषा
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