(फाइल फोटो के साथ)
चेन्नई, 10 जनवरी (भाषा) रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शुक्रवार को कहा कि रेल मंत्रालय ने अमृत भारत ट्रेन के द्वितीय संस्करण में 12 बड़े सुधार किए हैं और अगले दो वर्ष में ‘इंटिग्रल कोच फैक्टरी (आईसीएफ)’ में ऐसी 50 ऐसी रेलगाड़ियां बनाई जाएंगी।
उन्होंने यहां आईसीएफ के महाप्रबंधक यू सुब्बा राव के साथ फैक्टरी का निरीक्षण करने के बाद कहा कि तमिलनाडु सरकार को लोगों की सेवा को राजनीति से ऊपर रखना चाहिए तथा केंद्र और उनका मंत्रालय लोगों के कल्याण की खातिर कदम उठाने के लिए प्रतिबद्ध है।
उन्होंने यहां आईसीएफ में संवाददाताओं से कहा, ‘‘(यहां) अमृत भारत के दूसरे संस्करण (की रेलगाड़ियों का निर्माण होते) देखकर बहुत खुशी हुई। जैसा कि आप याद कर सकते हैं, अमृत भारत के पहले संस्करण की जनवरी 2024 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरुआत की गयी थी। पिछले एक साल के अनुभव के आधार पर, अमृत भारत के दूसरे संस्करण में कई सुधार किए गए हैं।’’
अमृत भारत रेलगाड़ियों में सुधारों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘पूरी रेलगाड़ी में 12 बड़े सुधार किए गए हैं। अर्धस्वचालित ‘कपलेट’, मॉड्यूलर शौचालय, ‘चेयर पिलर’ और ‘पार्टिशन’, ‘इमरजेंसी टॉक बैक फीचर’, ‘इमरजेंसी ब्रेक सिस्टम’, वंदे भारत ट्रेन की तरह निरंतर प्रकाश प्रणाली, नए डिजाइन की सीट और ‘बर्थ’ में सुधार किया गया है।’’
उन्होंने कहा कि अमृत भारत के दूसरे संस्करण की रेलगाड़ियों में नये डिजायन के साथ पूर्ण ‘पैंट्री कार’ (रसोईयान) बनायी गयी है।
वैष्णव ने कहा कि इन रेलगाड़ियों के निर्माण में निम्न आय और निम्न मध्य आय वर्ग के परिवारों को ध्यान में रखा जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘आने वाले दो वर्ष में (इंटीग्रल कोच फैक्ट्री में) अमृत भारत के द्वितीय संस्करण की 50 ऐसी रेलगाड़ियां बनाई जाएंगी। इससे लंबी दूरी तक यात्रा करने वाले लोगों को सस्ती सेवा और उच्च गुणवत्ता वाला यात्रा अनुभव मिल सकेगा।’’
बाद में ‘पीटीआई-वीडियो’ से बातचीत करते हुए रेलमंत्री ने कहा कि अमृत भारत रेलगाड़ियों का डिजायन निर्धनतम लोगों को भी आरामदेह सफर की सुविधा प्रदान करने की दृष्टि से तैयार किया गया है।
उन्होंने कहा, ‘‘अमृत भारत को वंदे (भारत) स्लीपर और अमृत भारत के पहले संस्करण के अनुभव के आधार पर डिज़ाइन किया गया है। सामान्य कोच में आरामदायक सीट, ‘चार्जिंग पॉइंट’, मोबाइल फोन और पानी की बोतल रखने की जगह और भी बहुत कुछ है।’’
एक अन्य प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को अपना सहयोग देना चाहिए क्योंकि मंत्रालय को भूमि आवंटन एक बड़ा मुद्दा रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘हमें भूमि अधिग्रहण में राज्य सरकार से सहयोग की आवश्यकता है। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि लोगों की सुविधाएं राजनीति से ऊपर हों और हमें पहले लोगों के कल्याण को देखना चाहिए। मैंने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री (एम के स्टालिन) से हमारा समर्थन करने का अनुरोध किया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘तमिलनाडु के लोग बेहतर सुविधाएं चाहते हैं तथा भारत सरकार एवं प्रधानमंत्री वे सुविधाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। अगर हम मिलकर (केंद्र और राज्य सरकार मिलकर) काम करें, तो हम लोगों को बेहतर सुविधाएं प्रदान कर सकते हैं।’’
रामेश्वरम में ऐतिहासिक पंबन पुल के निर्माण पर रेलवे सुरक्षा आयुक्त द्वारा जताई गई आशंकाओं के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि पुल का डिजाइन अनुसंधान डिजाइन और मानक संगठन (आरडीएसओ) के आधार पर तैयार किया गया था।
उन्होंने कहा, ‘‘…यह एक अनूठा पुल है। पंबन पुल जैसे पुल का डिजाइन और निर्माण विरले ही होता है।’’
उन्होंने स्पष्ट किया कि रेलवे सुरक्षा आयुक्त (सीआरएस) को बताया गया कि यह मानक पुल नहीं है और अनोखे रूप से डिजायन किया गया पुल है एवं इसके डिजायन के लिए श्रेष्ठ अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों की सेवाएं ली गयी हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘सीआरएस इस बात को समझ गए हैं और उन्होंने पुल के डिजायन को अब मंजूरी दे दी है। समिति की रिपोर्ट भी आ गयी है।’’
मंत्री ने कहा कि रेलवे ने 10,000 इंजनों में कवच (ट्रेन दुर्घटनाओं को रोकने में मदद करने वाली सुविधा) लगाए हैं और 15,000 किलोमीटर तक ‘ट्रैक साइड फिटिंग’ भी की जा रही है।
भाषा
राजकुमार अविनाश
अविनाश