नयी दिल्ली, 29 नवंबर (भाषा) इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) पर सवाल उठाते हुए उच्चतम न्यायालय और विभिन्न उच्च न्यायालयों में करीब 42 याचिकाएं दायर की गई हैं और उच्च न्यायपालिका ने बार-बार कहा है कि ईवीएम प्रामाणिक, भरोसेमंद और छेड़छाड़-रहित है। सरकार ने शुक्रवार को लोकसभा में यह जानकारी दी।
मशीनों से छेड़छाड़ या हैकिंग को रोकने के लिए सुरक्षा उपायों को लेकर एक सवाल का जवाब देते हुए, कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि निर्वाचन आयोग (ईसी) के अनुसार, ईवीएम एक ‘स्टैंडअलोन’ मशीन है जिसमें रेडियो फ्रीक्वेंसी संचार क्षमता नहीं है, इसलिए यह वायरलेस, ब्लूटूथ और वाई-फाई के माध्यम से संचार नहीं कर सकती है।
मंत्री ने एक लिखित उत्तर में कहा, ‘‘मशीन किसी भी छेड़छाड़ या हेरफेर को रोकने के लिए इलेक्ट्रॉनिक रूप से सुरक्षित है। इसमें कई तकनीकी सुरक्षा विशेषताएं शामिल हैं जैसे कि एक बार प्रोग्राम करने योग्य चिप, अनधिकृत पहुंच का पता लगाने वाला मॉड्यूल, उन्नत एन्क्रिप्शन तकनीक और मजबूत पारस्परिक प्रामाणीकरण क्षमता।’’
हरियाणा विधानसभा चुनाव के बाद, कांग्रेस ने ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल उठाया था और दावा किया था कि ईवीएम बैटरी से चार्जिंग के विभिन्न स्तरों के कारण अलग-अलग परिणाम प्राप्त हुए। अपने जवाब में, मेघवाल ने यह भी बताया कि आयोग ने मशीनों को रखने और उनकी आवाजाही के दौरान सख्त सुरक्षा प्रोटोकॉल के साथ कठोर और सुरक्षित प्रशासनिक प्रक्रियाएं लागू की हैं। इन प्रोटोकॉल में 24 घंटे सीसीटीवी निगरानी, सशस्त्र सुरक्षा, लॉगबुक और जीपीएस आधारित वाहनों का इस्तेमाल शामिल है।
भाषा वैभव माधव
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