अनशन पर बैठे चिकित्सकों के समर्थन में एसएसकेएम अस्पताल के 40 चिकित्सकों ने सामूहिक इस्तीफा दिया

अनशन पर बैठे चिकित्सकों के समर्थन में एसएसकेएम अस्पताल के 40 चिकित्सकों ने सामूहिक इस्तीफा दिया

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  • Publish Date - October 10, 2024 / 08:54 PM IST,
    Updated On - October 10, 2024 / 08:54 PM IST

(तस्वीरों के साथ जारी)

कोलकाता, 10 अक्टूबर (भाषा) कोलकाता स्थित सरकारी एसएसकेएम (सेठ सुखलाल करनानी मेमोरियल) अस्पताल के 40 चिकित्सक ने पांच अक्टूबर से अपनी मांगों को लेकर भूख हड़ताल पर बैठे चिकित्सकों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए बृहस्पतिवार को सामूहिक रूप से इस्तीफा दे दिया।

यह घटनाक्रम ऐसे समय में सामने आया है जब विभिन्न अस्पतालों के कई वरिष्ठ चिकित्सकों ने कुछ दिनों पहले त्यागपत्र पर हस्ताक्षर किए थे और स्पष्ट किया था कि यह इस्तीफा ‘‘प्रतीकात्मक’’ था।

कोलकाता में सात और उत्तर बंगाल में दो चिकित्सकों समेत नौ चिकित्सक आमरण अनशन कर रहे हैं।

एसएसकेएम अस्पताल के डॉ. गौतम दास ने कहा, ‘‘हम प्रदर्शनकारी चिकित्सकों के स्वास्थ्य को लेकर बेहद चिंतित हैं।’’

उन्होंने चिकित्सकों के अपनी मांगों को लेकर अडिग रहने के बावजूद गतिरोध को दूर करने की दिशा में कोई प्रगति नहीं किए जाने का जिक्र करते हुए कहा कि चिकित्सकों ने इस्तीफा देने का फैसला उनकी वैध चिंताओं के प्रति राज्य सरकार की कथित उदासीनता से हताश होकर लिया है।

वरिष्ठ चिकित्सक भी बृहस्पतिवार को धरना स्थल पर प्रदर्शन में शामिल हुए।

स्थानीय आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के कम से कम 50 चिकित्सकों ने मंगलवार को अपना इस्तीफा दे दिया था। इन चिकित्सकों ने एक प्रशिक्षु महिला चिकित्सक से बलात्कार और उसकी हत्या के मामले में न्याय की मांग को लेकर पांच अक्टूबर से आमरण अनशन पर बैठे चिकित्सकों के प्रति एकजुटता व्यक्त करते हुए यह कदम उठाया।

सिलीगुड़ी में उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के लगभग 35 चिकित्सकों ने भी कोलकाता में कनिष्ठ चिकित्सकों के विरोध के समर्थन में सामूहिक इस्तीफा दे दिया।

आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के आर्थोपेडिक सर्जन डॉ. सुनीत हाजरा ने बताया कि इस्तीफों का उद्देश्य राज्य सरकार पर दबाव डालना था, जिसने कनिष्ठ चिकित्सकों की जारी भूख हड़ताल के दौरान चुप्पी साधे रखी है।

उन्होंने कहा, ‘‘हमारा इस्तीफा प्रतीकात्मक है, जिसका उद्देश्य सरकार को चर्चा में शामिल होने के लिए प्रेरित करना है। हम नहीं चाहते कि मरीजों को परेशानी हो। हम उनका इलाज कर रहे हैं और ऐसा करना जारी रखेंगे क्योंकि यह हमारा कर्तव्य है और हम नैतिक रूप से ऐसा करने के लिए बाध्य हैं।’’

इस बीच, पुलिस की एक टीम मध्य कोलकाता के धर्मतला में भूख हड़ताल स्थल पर गई और प्रदर्शनकारियों के बिगड़ते स्वास्थ्य को लेकर चिंता जताते हुए उनसे हड़ताल खत्म करने का आग्रह किया। अधिकारियों ने उन्हें यह भी बताया कि विरोध प्रदर्शन के लिए पुलिस की अनुमति नहीं ली गई है।

भाषा सिम्मी माधव

माधव