नयी दिल्ली, 26 नवंबर (भाषा) किसानों और श्रमिकों ने तीन केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ साल भर चले विरोध प्रदर्शन की चौथी वर्षगांठ पर मंगलवार को देश भर में कई जगह प्रदर्शन किया।
संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) और केंद्रीय मंजदूर संघों तथा स्वतंत्र क्षेत्रीय महासंघों व संघों के संयुक्त मंच ने एक बयान में कहा कि उनके आह्वान पर दस लाख लोगों प्रदर्शनों में भाग लिया।
2020-21 में आंदोलन के कारण तीनों कृषि कानूनों को निरस्त कर दिया गया।
बयान में कहा गया कि कई राज्यों में शहरी और ग्रामीण इलाकों और औद्योगिक क्षेत्रों में भी बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए। प्रदर्शनकारियों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए कई कार्यालयों में दोपहर के भोजन के समय प्रदर्शन हुए। इसमें कहा गया कि केंद्रीय मजदूर संघों (सीटीयू) और एसकेएम के नेता विभिन्न स्थानों पर इन प्रदर्शनों में शामिल हुए।
सीटीयू और एसकेएम द्वारा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को एक संयुक्त ज्ञापन भी भेजा गया।
कई स्थानों पर पुलिस ने विरोध प्रदर्शन रोकने के लिए बल प्रयोग किया। बयान में कहा गया, “बिहार के भागलपुर में जिलाधिकारी कार्यालय के सामने प्रदर्शन कर रहे मजदूरों और किसानों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया। इसमें छह लोग घायल हो गए। पुलिस ने तीन नेताओं को गिरफ्तार किया है।”
इसमें कहा गया “सीटीयू और एसकेएम जल्द ही बैठक करेंगे, जिसमें अभियान की समीक्षा की जाएगी और मौजूदा सरकार की कॉर्पोरेट समर्थक नीति में बदलाव के साथ अपनी मांगों को प्राप्त करने के लिए संघर्ष को और तेज किया जाएगा।”
भाषा प्रशांत पवनेश
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