रांची: कोरोना संकट के बीच झारखंड की राजधानी रांची में बड़ा खुलासा हुआ है। दरअसल यहां क्वारंटाइन सेंटर में रहने के दौरान तब्लीगी जमात की तीन विदेशी महिलाओं के गर्भवती होने का खुलासा हुआ है। मामले का खुलासा होने के बाद प्रशासन में हड़कंप मच गया है। अब इस मामले को लेकर सवाल उठने लगे हैं कि क्वारंटीन सेंटर में इन लोगों को इसलिए रखा गया था ताकि शारीरिक दूरी का पालन हो सके, लेकिन अब महिलाओं के गर्भवती होने से प्रशासन पर सवालिया निशान खड़ेे हो गए हैं।
ज्ञात हो कि लॉकडाउन व वीजा नियमों का उल्लंघन किए जाने के मामले को लेकर तब्लीगी जमात के 17 विदेशी नागरिकों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। कोरोना के प्रसार को देखते हुए इन सभी जमातियों को गिरफ्तार कर खेलगांव स्थित क्वारंटाइन सेंटर में रखा गया था। सभी जमातियों को 20 मई को क्वारंटाइन सेंटर से बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल दाखिल किया गया था। हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद मंगलवार को ये सभी जेल से बाहर निकले, तब जाकर इस बात का खुलासा हुआ कि तीन महिलाएं गर्भवती हैं। जमानत मिलने के बाद जेल से बाहर आए 17 विदेशी नागरिक रांची में ही रह रहे हैं। इनमें से नौ पुरुष कडरू स्थित एक घर में रुके हुए हैं। वहीं, आठ लोग (चार दंपती) गुदड़ी चौक मिशन रोड में रह रहे हैं।
मामले को लेकर आनन-फानन में रांची जिला उपायुक्त छवि रंजन ने इस मामले की जांच के आदेश दिए हैं। जांच के लिए उपायुक्त ने एडिशनल कलेक्टर को नियुक्त किया है। जांच के दौरान इस बात का पता लगाया जाएगा कि किन कारणों के चलते सेंटर में शारीरिक दूरी का पालन नहीं हुआ? साथ ही इस सेंटर की जिम्मेदारी जिसे सौंपी गई थी, उससे पूछताछ की जाएगी।
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इस संबंध में झारखंड हाईकोर्ट के वरिष्ठ वकीलों का कहना है कि अगर महिला क्वारंटीन सेंटर में रहने के दौरान गर्भवती हुई हैं तो उन्होंने महामारी रोग अधिनियम-2020 का उल्लंघन किया है। ऐसे में उनके खिलाफ इस अधिनियम की धारा 2 (3) के तहत केस दर्ज किया जाएगा। दूसरी तरफ, सेंटर का जिम्मा संभालने वाले व्यक्ति के खिलाफ भी लापरवाही बरतने का केस दर्ज होगा।
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