New Wage Code नई दिल्ली। केंद्र सरकार चारों श्रम कानूनों को अगले वित्त वर्ष तक लागू करने की पूरी तैयारी कर ली है। इस कानून को लागू होते ही आपके टेक होम सैलरी और पीएफ स्ट्रक्चर (PF Rule) में बदलाव हो जाएगा।
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New Wage Code आप इस उम्मीद में हैं कि अगले साल आपकी सैलरी जरूर बढ़ेगी। लेकिन सैलरी में बढ़ोतरी के साथ ही केंद्र सरकार एक फैसले से आपकी टेक होम सैलरी पर कैंची चलने वाली है। ऐसे में उन लोगों की सैलरी अभी के मुकाबले और घट जाएगी, जिनकी सैलरी में अगले साल बढ़ोतरी नहीं हो पाएगी।
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New Wage Code दरअसल, केंद्र सरकार चारों श्रम कानूनों (New Wage Code) को लागू करने जा रही है। अगले वित्त वर्ष तक इसे लागू होने की संभावना है। इस कानून को लागू होते ही आपके टेक होम सैलरी और पीएफ स्ट्रक्चर (PF Rule) में बदलाव हो जाएगा। जिससे आपकी टेक होम सैलरी घट जाएगी, जबकि भविष्य निधि यानी पीएफ (PF) में बढ़ोतरी हो जाएगी।
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हफ्ते में 4 दिन काम का प्रस्ताव
नए वेज कोड में कई ऐसे प्रावधान दिए गए हैं, जिससे ऑफिस में काम करने वाले सैलरीड क्लास, मिलों और फैक्ट्रियों में काम करने वाले मजदूरों तक पर असर पड़ेगा। कर्मचारियों की सैलरी से लेकर उनकी छुट्टियां और काम के घंटे भी बदल जाएंगे। नए वेज कोड के तहत काम के घंटे बढ़कर 12 हो जाएंगे। श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने बताया कि प्रस्तावित लेबर कोड में कहा गया है कि हफ्ते में 48 घंटे कामकाज का नियम ही लागू रहेगा।
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दरअसल कुछ यूनियन ने 12 घंटे काम और 3 दिन की छुट्टी के नियम पर सवाल उठाए थे। सरकार ने इस पर अपनी सफाई में कहा कि हफ्ते में 48 घंटे काम का ही नियम रहेगा, अगर कोई दिन में 8 घंटे काम करता है तो उसे हफ्ते में 6 दिन काम करना होगा और एक दिन की छुट्टी मिलेगी।
13 राज्यों में मसौदा तैयार
मजदूरी, सामाजिक सुरक्षा, औद्योगिक संबंध और व्यवसाय सुरक्षा तथा स्वास्थ्य और काम करने की स्थिति पर चार श्रम संहिताओं को अगले वित्त वर्ष तक लागू किए जाने की संभावना है। पीटीआई के मुताबिक एक सीनियर अधिकारी ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि कम से कम 13 राज्यों ने इन कानूनों के मसौदा नियमों को तैयार कर लिया है।
PF की हिस्सेदारी बढ़ेगी
अभी नियोक्ता वेतन को कई तरह के भत्तों में बांट देते हैं। इससे मूल वेतन कम रहता है, जिससे भविष्य निधि और आयकर में योगदान भी नीचे रहता है। नई वेतन संहिता में भविष्य निधि योगदान कुल वेतन के 50 प्रतिशत के हिसाब से तय किया जाएगा। PF में कर्मचारियों का योगदान बढ़ने से कंपनियों पर वित्तीय बोझ बढ़ेगा। इसके साथ ही ज्यादा बेसिक सैलरी का मतलब है कि ग्रैच्युटी की रकम भी अब पहले से ज्यादा होगी और ये पहले के मुकाबले एक से डेढ़ गुना ज्यादा हो सकती है।