नई दिल्ली। New Wage Code: सप्ताह में तीन दिन छुट्टी और चार दिन काम मिलने का इंतजार कर रहे कर्मचारियों को बड़ा झटका लगा है। दरअसल 1 जुलाई ये नया लेबर कोर्ड लागू किया जाना था लेकिन यह फिर से अटक गया है। आज संसद में श्रम राज्य मंत्री रामेश्वर तेली ने इसे लेकर जानकारी दी है। बताया कि नए लेबर कोड को लागू करने के लिए अभी कोई डेडलाइन तय नहीं की गई है। बता दें कि सरकार चार बड़े बदलाव के लिए नया लेबर कोड लेकर आई है। 〈 >>*IBC24 News Channel के WhatsApp ग्रुप से जुड़ने के लिए यहां Click करें*<< 〉
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New Wage Code: जिसके तहत कर्मचारियों की सप्ताहिक छुट्टियों से लेकर इन-हैंड सैलरी में बदलाव होगा। आज लेबर कोड को लेकर मंत्री रामेश्वर तेली ने सवालों के जवाब में कहा कि ज्यादातर राज्यों ने चार लेबर कोड पर नियमों का मसौदा केंद्र को भेज दिया है। अटकलें लगाई जा रही थीं कि एक जुलाई से नए लेबर कोड को लागू किया जा सकता है, लेकिन अभी कुछ राज्यों की तरफ से कोड्स में ड्राफ्ट कमेंट आने बाकी हैं। अब तक कुल 31 राज्यों ने नए वेज कोड पर अपने ड्रॉफ्ट नियम भेज दिए हैं।
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बता दें कि श्रम एवं रोजगार कल्याण मंत्रालय ने 4 श्रम संहिताओं के तहत नियमों को अंतिम रूप दे दिया है। 4 लेबर कोड्स में वेतन/मजदूरी संहिता, औद्योगिक संबंधों पर संहिता, काम विशेष से जुड़ी सुरक्षा, स्वास्थ्य एवं कार्यस्थल की दशाओं पर संहिता और सामाजिक व व्यावसायिक सुरक्षा संहिता शामिल हैं। इन चारों संहिताओं को राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद अधिसूचित किया जा चुका है लेकिन इन्हें अमल में लाने के लिए नियमों को भी अधिसूचित किए जाने की जरूरत है। आइये जानते हैं किन राज्यों ने किस कोड पर सहमती जताई है। उम्मीद है इस साल अक्टूबर तक न्यू वेज कोड लागू हो जाएगा।
वेज कोड एक्ट (Wage Code Act), 2019 के मुताबिक, किसी कर्मचारी का मूल वेतन (Basic Salary) कंपनी की लागत (CTC) का 50 परसेंट से कम नहीं हो सकता है। अभी कई कंपनियां बेसिक सैलरी को काफी कम करके ऊपर से भत्ते ज्यादा देती हैं ताकि कंपनी पर बोझ कम पड़े। आइये जानते हैं इसके प्रावधानों के बारे में। वेज कोड एक्ट (Wage Code Act), 2019 के लागू होते ही कर्मचारियों का सैलरी स्ट्रक्चर पूरी तरह बदल जाएगा। कर्मचारियों की ‘(Take Home Salary’ घट जाएगी, क्योंकि Basic Pay बढ़ने से कर्मचारियों PF ज्यादा कटेगा यानी उनका भविष्य ज्यादा सुरक्षित हो जाएगा। पीएफ के साथ साथ ग्रैच्युटी (Monthly Gratuity) में भी योगदान बढ़ जाएगा। यानी टेक होम सैलरी जरूर घटेगी लेकिन कर्मचारी को रिटायरमेंट पर ज्यादा रकम मिलेगी।
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1. वेतन/मजदूरी संहिता (The Code on Wages, 2019): उत्तरप्रदेश, गुजरात, गोवा समेत कुल 31 राज्यों ने इस पर अपनी सहमति दी है।
2. सामाजिक व व्यावसायिक सुरक्षा संहिता (The Code on Social Security, 2020) : गुजरात, हरियाणा , मध्यप्रदेश समेत कुल 25 राज्यों ने इस पर सहमती दी है।
3.औद्योगिक संबंधों पर संहिता (The Industrial Relations Code, 2020) : bihar, गुजरात,हरियाणा समेत 26 लोगों ने इसे स्वीकारा है।
4.स्वास्थ्य एवं कार्यस्थल की दशाओं (OSH) पर संहिता (The Occupational Safety Health and working Conditions Code, 2020) : bihar,असं, गोवा गुजरात समेत कुल 24 राज्यों ने इस कोड पर सहमती की है।
चार वृहद श्रम संहिताओं में से वेतन/मजदूरी संहिता को संसद से 2019 में मंजूरी मिली थी, बाकी तीन संहिताओं को संसद के दोनों सदनों से 2020 में मंजूरी मिली। श्रम मंत्रालय चारों संहिताओं को एक साथ लागू करना चाहता है।