Kargil vijay diwas 2023

24 साल पहले जब देश के जांबाजों दुश्मनों के साथ दी थी मौसम को मात, ऐसे पाई थी फतह, लहराया था तिरंगा

Kargil vijay diwas 2023 करगिल के 24 साल: टाइगर हिल की वो रात जब देश के जांबाजों ने दुश्मन ही नहीं मौसम को भी मात दी

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Modified Date: July 26, 2023 / 11:19 AM IST
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Published Date: July 26, 2023 11:19 am IST

Kargil vijay diwas 2023: दुनिया में अब तक जितने भी युद्ध लड़े गए उनमें से सबसे कठिन एक युद्ध भारत ने साल 1999 में लड़ा था। ये युद्ध मई से जुलाई के बीच हुआ था, जब दुनिया ने शांतिप्रिय भारत के वो तेवर देखे, जिनसे वो दुश्मनों का नामोनिशान मिटा सकता था। 84 दिनों तक चले इस युद्ध की कहानी आज से 24 साल पुरानी है। जहां एक ओर भारत लाहौर बस सेवा के जरिए अपने पड़ोसी मुल्क से दोस्ती का हाथ बढ़ा रहा था तो, वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान करगिल क्षेत्र में ऊंची चोटी पर घुसपैठ को अंजाम देने की कोशिश में जुटा था।

ऐसे हुई थी जंग की शुरूआत

Kargil vijay diwas 2023: वो 3 मई 1999 की तारीख थी। एक चरवाहे ने हथियारबंद पाकिस्तानी सैनिकों को करगिल की चोटियों पर देखा। इस चरवाहे ने ये जानकारी भारतीय सेना के अधिकारियों को दी। उसके बाद 5 मई को भारतीय जवानों को वहां भेजा गया। इस दौरान भारतीय सेना के 5 जवान शहीद हो गए। पांच जवानों की शहादत के बाद ही इस जंग का आधिकारिक आगाज हुआ। इस दौरान भारत के तत्कालीन पीएम अटल बिहारी वाजपेयी ने देश की जनता के सामने स्पष्ट किया कि वे पाकिस्तान की गद्दारी का जवाब जरूर देंगे। जिसके बाद भारतीय सेना ने ऑपरेशन विजय की शुरुआत की।

इस रात सैनिकों ने सभी को दी थी मात

Kargil vijay diwas 2023: टाइगर हिल्स उत्तर से दक्षिण तक 1000 मीटर और पश्चिम से पूरब तक 2200 मीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है। पाकिस्तान सेना की 12वीं इंफेंट्री की करीब एक कंपनी टाइगर हिल्स के हिस्से पर तैनात थी और ऊपर से ही भारतीय सेना पर गोले बरसा रही थी। भारतीय सैनिकों की मुश्किलें बढ़ रही थीं, तभी 3 जुलाई 1999 को खराब मौसम और अंधेरे के बीच भारतीय सेना ने चढ़ाई शुरू की। रणनीति के मुताबिक सेना के जवान अंधेरे का फायदा उठाकर लगातार आगे बढ़ रहे थे। इस खराब मौसम में सैनिकों का सिर्फ एक ही मकसद था। दुश्मनों के करीब पहुंचना।

24 घंटे तक चला था युद्ध

Kargil vijay diwas 2023: कठिन मौसम की चुनौतियों से निपटते हुए सेना की मेहनत रंग लाई और 4 जुलाई 1999 को भारतीय सैनिकों ने टाइगर हिल टॉप को तीन तरफ से घेर लिया और भीषण गोलीबारी हुई। कहते हैं कि 4 जुलाई ऐसा दिन था जब दिन या रात की परवाह किए बगैर देश के जांबाज लड़ते रहे और इस दिन युद्ध 24 घंटे तक चला था। इसके बाद भारतीय सैनिक 5 और 6 जुलाई को जंग लड़ते-लड़ते इसी पोस्ट पर अपनी पकड़ मजबूत बनाते रहे और चोटी तक पहुंचने की कोशिश करते रहे।

टाइगर हिल पर कब्जा

Kargil vijay diwas 2023: चोटी पर ऊपर बैठे दुश्मन को आभास हो गया था कि भारतीय सैनिक उनके नजदीक आते जा रहे हैं तो 6 जुलाई को सुबह 6 बजे, दुश्मन ने बहुत भारी तोपों से गोले दागने शुरू कर दिए। दिन भर भीषण लड़ाई चलती रही। भारतीय सैनिकों फिर भी डंटे रहे और फिर बहादुरी से जवाबी कार्रवाई करते हुए पूरी बाजी पलट दी। इसके बाद यानी 7-8 जुलाई 1999 की रात को भारतीय सैनिकों ने धावा बोलते हुए 8 जुलाई को 8 बजे तक रिवर्स स्लोप्स, कट और कॉलर के क्षेत्रों पर कब्जा कर लिया। इसका मतलब था कि अब टाइगर हिल पूरी तरह से भारत के कब्जे में था।फ

फतह कर फहराया तिरंगा

Kargil vijay diwas 2023: इसके बाद दिल्ली को टाइगर हिल्स पर फतह के बारे में जानकारी दी गई। खबर की पुष्टि हो जाने के तुरंत बाद तत्कालिन जनरल मलिक ने प्रधानमंत्री के सुरक्षा सलाहकार बृजेश मिश्र ओट प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपयी को इसकी सूचना दी। टाइगर हिल्स पर फतह के बाद भारतीय फौज ने दक्षिण-पश्चिमी टास्ते से आगे बढकर दुश्मन को दूसरी चोटियों से भी खदेड दिया था।

सबसे अहम था टाइगर हिल

Kargil vijay diwas 2023: यूं तो करगिल की युद्ध गाथा काफी लंबी है। करीब 3 महीने तक चले इस युद्ध में देश के कई सैनिकों ने अपनी जान गंवाई, लेकिन इस पूरी जंग में एक अहम भूमिका टाइगर हिल की भी रही। टाइगर हिल और इस पूरे युद्ध में शहीद हुए सैनिकों की शहादत को पूरा देश नमन करता है।

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