द्रास में मनाया गया 23 वां करगिल विजय दिवस

द्रास में मनाया गया 23 वां करगिल विजय दिवस

द्रास में मनाया गया 23 वां करगिल विजय दिवस
Modified Date: November 29, 2022 / 08:43 pm IST
Published Date: July 26, 2022 8:12 pm IST

श्रीनगर, 26 जुलाई (भाषा) भारतीय सेना ने 1999 में तीन महीने तक चले करगिल युद्ध में शहीद हुए सैनिकों को मंगलवार को ‘विजय दिवस’ पर श्रद्धांजलि दी।

केंद्र शासित क्षेत्र लद्दाख के करगिल इलाके में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर छिड़े युद्ध के दौरान सैनिकों को उनकी अदम्य वीरता, साहस के लिए याद किया गया। सेना द्वारा जारी एक बयान में एक रक्षा प्रवक्ता ने कहा, ‘‘करगिल युद्ध धैर्य, दृढ़ साहस और भारतीय सैनिकों के अदम्य संकल्प की गवाही है, जिन्होंने सबसे दुर्गम इलाकों में से एक में प्रतिकूल मौसम के दौरान यह लड़ाई लड़ी।’’

प्रवक्ता ने कहा, ‘‘23वें करगिल विजय दिवस के उपलक्ष्य में, उत्तरी कमान के तत्वावधान में कई कार्यक्रमों का आयोजन किया गया, जिसका समापन 26 जुलाई 2022 को हुआ।’’

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प्रवक्ता ने बताया कि करगिल के मुख्य कार्यकारी काउंसिलर फिरोज अहमद खान मुख्य अतिथि थे और उत्तरी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ (जीओसी-इन-सी) लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी मंगलवार के कार्यक्रम के मुख्य मेजबान थे।

प्रवक्ता ने बताया कि इन कार्यक्रमों में दो साइकिल रैलियां शामिल थीं, जिनमें से एक सियाचिन से करगिल युद्ध स्मारक तक और दूसरी दिल्ली से द्रास तक आयोजित की गई। दोनों भारतीय वायु सेना और भारतीय सेना की संयुक्त पहल के तहत आयोजित की गईं।

इस साल दो मोटरसाइकिल अभियान भी आयोजित किए गए। एक अभियान दिल्ली से द्रास तक का था जिसे थल सेनाध्यक्ष ने रवाना किया था। दूसरा अभियान तुरतुक से द्रास तक का था। सियाचिन से द्रास तक सूफिया का अल्ट्रा-मैराथन और बछेंद्री पाल तथा उनकी टीम द्वारा पर्वत अभियान का भी आयोजन हुआ जिसने 37 दर्रों को पार करते हुए अरुणाचल प्रदेश से द्रास तक का सफर पूरा किया।

प्रवक्ता ने कहा, ‘‘करगिल विजय मशाल को उत्तरी कमान के पूरे क्षेत्र में ले जाया गया और अंत में यह द्रास पहुंचाई गई। इन कार्यक्रमों का समापन करगिल युद्ध स्मारक पर हुआ, जिसके बाद कई सांस्कृतिक और औपचारिक कार्यक्रमों का आयोजन हुआ।’’

पश्चिमी वायु कमान के एयर ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ, एयर मार्शल श्रीकुमार प्रभाकरन, लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी, 14वीं कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग (जीओसी) लेफ्टिनेंट जनरल अनिंद्य सेन गुप्ता और अन्य वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों ने स्मारक पर माल्यार्पण किया।

भाषा आशीष प्रशांत

प्रशांत


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