हैदराबाद, 31 मार्च (भाषा) कांग्रेस सरकार को ‘अकुशल’ और ‘अयोग्य’ करार देते हुए पूर्व मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव ने रविवार को दावा किया कि तेलंगाना में कम से कम 200 किसानों ने आत्महत्या कर ली है।
सूर्यापेट में संवादाताओं को संबोधित करते हुए केसीआर ने कहा कि किसान पानी और बिजली सुविधाओं की कमी के कारण संकट में हैं और इसके परिणामस्वरूप 15 लाख एकड़ फसल सूख रही है।
केसीआर ने महत्वपूर्ण मुद्दों को संबोधित करने के बजाय दोषारोपण और ध्यान भटकाने की रणनीति का सहारा लेने के लिए सत्तारूढ़ कांग्रेस की कड़ी आलोचना की।
केसीआर ने कहा ‘हमें मिली जानकारी के अनुसार 100 दिनों में 200 किसानों ने आत्महत्या की है। कुछ की मौत बिजली के झटके से हुई, जबकि कुछ ने आत्महत्या की है। इस तरह पिछले 100 दिनों में 200 किसानों ने आत्महत्या की। हमने कभी नहीं सोचा था कि राज्य में ऐसी स्थिति होगी कि किसान आत्महत्या करेंगे।”
संवाददाता सम्मेलन के जरिए किसानों को दिए अपने संदेश में उन्होंने कहा, ‘आत्महत्या मत करो। भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) आपकी तरफ से लड़ेगा। मुख्य विपक्षी दल होने के नाते यह हमारी जिम्मेदारी है।’
उन्होंने कहा कि बीआरएस एक जिम्मेदार विपक्षी दल के रूप में नई सरकार को काम करने के लिए समय देना चाहता था, लेकिन राज्य की गंभीर स्थिति ने उन्हें सरकार की विफलताओं को उजागर करने के लिए मजबूर किया।’
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार और मंत्री स्थिति पर समीक्षा बैठकें आयोजित करने में विफल रहे, जिससे राज्य में अराजक स्थिति पैदा हो गई है।
उन्होंने कहा, ‘राज्य में मुख्य विपक्षी दल के रूप में हमारे (बीआरएस) 39 विधायक हैं। हम राज्य में हारे नहीं हैं।’
केसीआर ने कहा कि सत्तारूढ़ दल एक या दो विधायकों को लालच दे सकता है। उन्होंने इसे एक सस्ती राजनीतिक चाल करार दिया।
केसीआर ने कहा कि उनकी सरकार ने पिछले कार्यकाल में राज्य में पर्याप्त बिजली और पानी की सुविधाओं के लिए एक ठोस नींव रखी और ‘मिशन भागीरथ’ हर दरवाजे पर पानी की सुविधा जैसी कुछ योजनाओं को संयुक्त राष्ट्र से भी प्रशंसा मिली।
उन्होंने कहा कि धान उत्पादन में प्रथम स्थान पर रहने वाले राज्य को बहुत कम समय में ऐसी स्थिति देखनी पड़ रही है।
उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि वर्तमान स्थिति के लिए बीआरएस को दोषी ठहराकर पिछली सरकार की छवि खराब करना सत्ताधारी दल की घटिया रणनीति है।
उन्होंने कहा कि जब तक किसानों को फसल क्षति के रूप में 25,000 रुपये का भुगतान नहीं किया जाता, तब तक बीआरएस शांत नहीं बैठेगा।
उन्होंने कहा कि बीआरएस कार्यकर्ताओं को दो अप्रैल को किसानों को एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) पर 500 रुपये बोनस देने के लिए जिलाधिकारियों को एक ज्ञापन सौंपना चाहिए।
राव ने बीआरएस शासन के दौरान राज्य सरकार की उपलब्धियां बताईं।
केसीआर ने कृषि क्षेत्रों का निरीक्षण करने के लिए रविवार को जनगांव, सूर्यापेट और नलगोंडा का दौरा किया, जो कथित तौर पर सूखे जैसी स्थिति का सामना कर रहे हैं।
भाषा
योगेश नरेश
नरेश